Fruits Mistakes: बीमारी से मुक्त सेहतमंद जिंदगी और हमेशा स्वस्थ रहने के लिए हर व्यक्ति को फलों का सेवन करने की आदत डालनी चाहिए. फल प्रकृति की सबसे खूबसूरत देन है. ये कई तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. अगर आप रोज इनका सेवन करेंगे तो फायदे जरूर महसूस कर पाएंगे. हर किसी को फलों को अपने रूटीन में शामिल करना चाहिए. फलों में विटामिन और खनिज होते हैं, जिनकी शरीर को भरपूर मात्रा में जरूरत होती है. हालांकि कई लोग फलों का सेवन गलत तरीके से करते हैं, जो फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसानदायक साबित हो सकता है. आइए जानते हैं कि फलों के सेवन के दौरान आपको कौन-कौन सी गलतियों से बचने की कोशिश करनी चाहिए.


फलों को किसी और चीज के साथ न खाएं


हमारे शरीर में बाकी किसी भी भोजन की तुलना में फल तेजी से डाइजेस्ट होते हैं. फलों को अगर किसी और भोजन के साथ मिलाकर खाया जाता है तो ये शरीर में टॉक्सिन्स के पैदा होने का कारण बन सकते हैं. दो खाद्य पदार्थों के साथ मिलने की वजह से डाइजेशन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है. इसके कारण शरीर को फलों से मिलने वाले पोषक तत्वों की मात्रा भी कम हो जाती है. इसलिए फलों का हमेशा अलग से सेवन करना बेहतर होता है.


रात के समय फल


सोने से 2-3 घंटे पहले कुछ भी खाने से बचना सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इससे पाचन से जुड़ी परेशानियां पैदा होने की आशंका नहीं रहती और डाइजेशन सिस्टम भी बेहतर रहता है. रात में फलों का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है. सोने से ठीक पहले फलों के सेवन से नींद में खलल पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसा इसलिए क्योंकि फल बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर रिलीज करते हैं, जो आराम करने के दौरान शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है. रात में पोषक तत्वों को अब्जॉर्ब करने की हमारी क्षमता काफी कम हो जाती है. इसके अलावा रात में फल खाने से एसिडिटी के लक्षण पैदा हो सकते हैं. फलों का सेवन शाम के नाश्ते के रूप में किया जा सकता है, लेकिन इसके बाद नहीं.


तुरंत पानी पीना


सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े भी अक्सर फलों को खाने के तुरंत बाद पानी पीते दिखाई पड़ते हैं. फल खाने के बाद पानी पीने से डाइजेशन सिस्टम का पीएच लेवल असंतुलित हो सकता है, खासकर तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, संतरा या स्ट्रॉबेरी जैसे ज्यादा पानी की मात्रा वाले फलों का सेवन करने से. ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत सारे पानी वाले फल आपके पेट की एसिडिटी को कम करके पीएच संतुलन को बदल सकते हैं. एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि ऐसा करने से डायरिया या हैजा जैसी गंभीर बीमारियां की संभावनाएं भी तेज हो सकती हैं.


फलों का छिलका न खाना


जब विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट की बात आती है तो छिलका अक्सर सबसे अच्छा विकल्प होता है. उदाहरण के लिए सेब के छिलके फाइबर, विटामिन C और A से भरपूर होते हैं. एक शोध के मुताबिक, फलों के छिलके को खाने से मोटापा और कैंसर का खतरा कम हो सकता है. 


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