Coronavirus: युवाओं की तुलना में संक्रमित बच्चे ज्यादा कमजोर एंटी बॉडीज पैदा करते हैं और आकार में ज्यादा कम होते हैं. गुरुवार को प्रकाशित एक नई शोध रिपोर्ट में दावा किया गया है. न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि बच्चे कोविड-19 बीमारी का मुकाबला करने में ज्यादा दक्ष हैं. उन्होंने बताया कि जिस रफ्तार से बच्चों ने संक्रमण पर काबू पा लिया उससे समझने में मदद मिल सकती है कि क्यों मासूम दूसरों को संक्रमित करने की संभावना कम रखते हैं.


बच्चे ज्यादा कमजोर एंटी बॉडीज पैदा करते हैं


कोलंबिया यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलिजिस्ट और शोध रिपोर्ट के सह लेखक प्रोफेसर डोना फारबर ने कहा, "बच्चों में संक्रामक की अवधि बहुत कम होती है और शायद युवाओं की तरह न फैला सकें. बच्चे वायरस को युवाओं के मुकाबले ज्यादा कुशलतापूर्ण साफ कर सकते हैं और उन्हें कोरोना वायरस से छुटकारा पाने के लिए मजबूत एंटी बॉडी इम्यूनिटी रिस्पॉंस की जरूरत भी न हो."


बच्चों में ज्यादा कमजोर इम्यून रिस्पॉंस से पता चलता है कि क्यों मासूम मुसीबत से पहले वायरस का सफाया करते हैं. इसके अलावा ये भी समझने में मदद मिलती है कि क्यों बच्चे ज्यादातर कोविड-19 के गंभीर लक्षणों को दूर रखने में सक्षम हो पाते हैं. अन्य विशेषज्ञों का भी कहना है कि ज्यादा कमजोर और ज्यादा कम एंटी बॉडीज का ये मतलब नहीं है कि दूसरी बार संक्रमण का ज्यादा खतरा बच्चों को है.


शोध में कोविड-19 के हवाले से किया गया दावा


प्रोफेसर डोना कहते हैं कि बच्चे थोड़े समय तक दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं. शोध को नेचर इम्यूनोलोजी नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे में एंटी बॉडी का लेवल खास समय में देखने से पता चला कि ये इतना ज्यादा छोटा है कि पता नहीं चलता कि कैसे लेवल उम्र के साथ बदल सकता है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एंटी बॉडी टेस्ट के लिए सवाल हो सकता है क्योंकि विभिन्य इम्यून रिस्पॉंस से पता चला है कि वायरस का व्यवहार बच्चों और युवाओं में अलग होता है.


पति गौतम संग 'हनीमून' के लिए रवाना हुईं काजल अग्रवाल, शादी के बाद बदल लिया नाम


IPL 2020: दिल्ली कैपिटल्स की टीम में होगा बदलाव, पृथ्वी शॉ की छुट्टी तय