Child Care: बच्चा बहुत नखरे करता है और हर बात पर उसका नखरे (Tantrums) दिखाने का सिलसिला चलता ही रहता है. अगर आप अपने बच्चे (Child) के साथ कुछ इस तरह की व्यवहार (Behave) से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो आपको कुछ बातें जरूर समझनी चाहिए, जैसे कि क्या आपके बच्चे की इमोशनल नीड (Emotional need) पूरी हो रही है या उसे किसी और तरह की समस्या परेशान कर रही है. इन बातों को कैसे समझें और कैसे पहचानें, इस बारे में यहां बताया जा रहा है...


कैसे नखरे दिखाते हैं बच्चे?
बच्चे जब नखरों के माध्यम से अपनी भावनाओं को एक्सप्रेस करते हैं तो वे जोर से चीखते हुए रोते हैं, आक्रामकता (Aggressive behaviour)दिखाते हैं या फिर गुस्सा होकर दूर भाग जाते हैं.


क्यों नखरे दिखाते हैं बच्चे?



  • बच्चे कई अलग-अलग कारणों से नखरे करते हैं. पहला कारण है कि आपका बच्चा ढेर सारी भावनाओं से भरा हुआ है और वह उन्हें मैनेज नहीं कर पाता है साथ ही अपनी बात आपको समझा नहीं पाता है. इस स्थिति में नखरे करता है.

  • आमतौर पर 1 से 3 साल के बच्चे अधिक नखरे करते हैं. क्योंकि उनके लिए सोशल, इमोशनल और वर्वल कम्युनिकेशन संभव नहीं होता है. इसलिए उन्हें सिर्फ रोना और जिद करना ही समझ आता है.

  • बड़े बच्चे इसलिए नखरे करते हैं क्योंकि शायद वे अभी तक यह नहीं सीख पाए होते हैं कि अपनी भावनाओं को सही प्रकार से कैसे एक्सप्रेस करना है.

  • नखरे करने की एक और बड़ी वजह होती है कि बच्चे आपकी अटेंशन चाहते हैं, आपका प्यार और पूरा फोकस वे अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं. 

  • बच्चों को नखरे दिखाने का सबसे अच्छा तरीका भोजन नजर आता है. क्योंकि उनके खाने को लेकर आप बहुत चिंतित होते हैं, इसलिए वे खाना खाने में ही सबसे अधिक नखरे दिखाते हैं.

  • भोजन में नखरे दिखाते समय बच्चे आमतौर पर ऐसी चीजों की डिमांड करते हैं, जिनके बारे में उन्हें पता होता है कि आप उन्हें नहीं देंगे. जैसे, फास्ट फूड या डिब्बबंद खाना.


बच्चे के नखरे कैसे कम करें?



  • सबसे पहले आप स्वयं यह बात समझ लें कि बच्चे के नखरों का मतलब है भावनात्मक जरूरत पूरी ना हो पाना. इसलिए आप उसकी भावनाओं को समझने का प्रयास करें. और यह तभी संभव है, जब बच्चा शांत हो. इसलिए जब बच्चा अच्छे मूड में हो तो उसके साथ अधिक से अधिक समय बिताएं और बात करने का प्रयास करें.

  • सभी बच्चे इमोशनल होते हैं लेकिन कुछ बच्चे अधिक इमोशनल होते हैं और इन्हें आपके प्यार और समय की अधिक जरूरत होती है. जब इन्हें वो प्यार और समय नहीं मिल पाता है और आप उनकी जरूरत को समझ नहीं पाते हैं, तब बच्चा चीखने, चिल्लाने, रोने और गुस्सा होकर दूर भाग जाने जैसी ऐक्टिविटीज करता है. इन्हें कम करने का उपाय यही है कि आप बच्चे को समझने का प्रयास करें. जरूरी होने पर काउंसलर या सायकाइट्रिस्ट की सहायता ले सकते हैं. 


 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


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