फेफड़े हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है क्योंकि हम इसकी सहायता से सांस ले पाते हैं लेकिन आज के दौर में फेफड़े में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस विषय पर अध्य्यन करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार माना गया है कि फेफड़े के कैंसर का मुख्य कारण वायु प्रदूषण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाले फेफड़े के कैंसर से विश्व में हर साल 18 लाख लोगों की मौत हो जाती है. ये फेफड़ों के कैंसर से होने वाली सभी मौतों का 29 प्रतिशत हिस्सा है और इसका मुख्य कारण धुआं और धूल वायु प्रदुषण है. ये धुआं वाहन, फैक्ट्री, कोयला आदि से उत्पन्न होता है, जो कि फेफड़े कैंसर का कारण बन सकता है.


फेफड़े के कैंसर के लक्षण

फेफड़े के कैंसर की शुरूआत तब होती है जब फेफड़ों में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं. जब फेफड़े के कैंसर शुरूआत होती है तो उसमें कुछ लक्षण पाए जाते हैं जिसे हम महसूस कर सकते है. इन लक्षणों में लगातार खांसी आना या खांसते वक्त खून आना,  कफ या थूक आना,  सांस लेने में तकलीफ होना,  सीने में दर्द होना,  सांस फूलना , हड्डियों में दर्द होना और सिरदर्द जैसे लक्षण शामिल है.

फेफड़े के कैंसर से बचाव

ये बात सभी जानते है कि धूम्रपान करने से फेफड़े का कैंसर होता है, लेकिन फिर भी लोग अपने जान की परवाह किए बिना इसका सेवन करते है. तो जरूरी है कि अगर आपको फेफड़े कैंसर से बचना है तो आपको धूम्रपान बंद करना होगा. फेफड़े का कैंसर सिर्फ धूम्रपान से ही नही होता है बल्कि वायु प्रदुषण भी इसका मुख्य कारण है. तो इसके बचाव के लिए हमें प्रदुषण वाली जगहों पर कम जाना चाहिए, अगर जरूरी है तो हमे मास्क लगाना चाहिए.

वायु प्रदूषण विश्व की बड़ी समस्याओं में से एक है. बढ़ते प्रदुषण के स्तर को रोकने के लिए इसपर सरकारें करोड़ो-अरबों रुपये खर्च करती है. फिर भी इसका स्तर दिन पर दिन लगातार बढ़ता जा रहा है.

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