EMI Gold Jewellery Scheme: सोने की कीमत (Gold Price Hike) में उछाल की वजह से एक मुश्त में जेवर खरीदना (Gold Jewellery Investment) हर किसी के लिए मुमकिन नहीं. ऐसे ही ग्राहकों की जरूरत को पूरा करने के लिए जूलरी के कई ब्रांड्स गोल्ड हार्वेस्ट स्कीम (Gold Harvest Scheme) की सुविधा देते हैं.


क्या है यह स्कीम


इस स्कीम में ग्राहक जेवर के लिए एक मुश्त पेमेंट करने की जगह हर महीने एक तय राशि जूलरी शो रूम में जमा करता है. ग्राहकों को लुभाने के लिए कई ब्रांड्स उन्हें केवल 10 या 11 महीने तक ही निवेश करने के लिए कहते हैं. बाकी की राशि उस जूलरी ब्रांड की ओर से निवेश की जाती है. अवधि पूरी होने पर ग्राहक को पूरी जमा राशि से जेवर खरीदने की सुविधा मिलती है. साथ ही मेकिंग चार्ज पर भी भारी छूट मिलती है.


क्या हैं इस स्कीम के फायदे?



  • ऐसी स्कीम से ग्राहक को एक मुश्त बड़ी राशि अदा करने के बोझ से मुक्ति मिलती है.

  • स्कीम के बहाने, साल में कम से कम सोने का एक जेवर खरीद लिया जाता है.

  • स्कीम के बहाने धीरे-धीरे घर में सोना इकट्ठा होता है जिसे मध्यमवर्गीय परिवारों में बुरे वक्त से सुरक्षा की तैयारी भी मानी जाती है.

  • स्कीम का लाभ उठाने वालों को मेकिंग चार्ज में छूट मिलती है जिससे उनका निवेश ज्यादा मजबूत होता है.


क्या हैं स्कीम के नुकसान?



  • बैंक में जमा पैसे को ग्राहक किसी भी रूप में, किसी भी जगह इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन ऐसी गोल्ड स्कीम में निवेश करने पर उसी शोरूम से शॉपिंग करने की बाध्यता होती है.

  • इन स्कीम में निवेश करने पर जमा राशि आपको वापस नहीं मिलती. आपको उस राशि से उसी दुकान से शॉपिंग करनी पड़ेगी, भले ही आपको आपकी राशि में खरीदे जा सकने वाले जेवर के डिजाइन पसंद ना आएं.

  • अगर जूलरी शो रूम आपको पैसे वापस करती भी हैं, तो उससे पहले कई दिन तक आपने पास रखती हैं. उस पैसे को आप कहीं और निवेश करेंगे तो फायदा सीधे आपको मिलेगा.

  • ऐसी स्कीम ग्राहकों को लॉक करने के लिए तैयार की जाती है. ग्राहक हर महीने पैसे निवेश करते हैं जिस पर शो-रूम साल भर ब्याज कमाते हैं. साथ ही वे यह भी सुनिश्चित कर लेते हैं कि निवेश की पूरी रकम से उनके ही सामान की बिक्री होगी. यानी ब्याज के साथ बिजनेस का भी फायदा.


इसलिए ऐसी किसी स्कीम को चुनने से पहले सभी बड़े ब्रांड की स्कीम के टर्म और कंडिशन को ध्यान से पढ़ें और उनकी तुलना करें. आश्वस्त होने पर ही निवेश करें.


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