Why Rainwater Is Not Fit For Drinking: सालों से हम यही जानते आए हैं कि बरसात का पानी सबसे शुद्ध होता है. लेकिन हाल ही में हुए एक शोध के मुताबिक बरसात का पानी भी अब पीने के लायक नहीं बचा है. एनवायरमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जरनल (Environmental Science & Technology) में छपी यूनिवर्सिटी ऑफ स्टॉकहोम (University of Stockholm) के शोध के अनुसार धरती के अधिकतर हिस्सों में बारिश के पानी में सिथेंटिक तत्व पीएफएएस (PFAS) पाए गए. इन्हें फॉरेवर केमिकल (Forever Chemicals) कहते हैं क्योंकि ये पर्यावरण में सालों तक रहते हैं. यहां तक कि अंटार्टिका में भी इसके अंश पाए गए हैं.


क्या होता है पीएफएएस यानी फॉरेवर केमिकल?


परफ्लूओरोअल्काइल सब्सटांस (Perfluoroalkyl Substances, PFAS) का इस्तेमाल नॉन-स्टिक पैन में किया जाता है. इस तत्व पर तेल, पानी, आग जैसी चीजें ठहरती नहीं. इनका इस्तेमाल अग्निशमन फोम, फूड पैकेजिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, कॉस्मेटिक्स आदि में किया जाता है. ये केमिकल मानव निर्मित (Manmade Chemicals) होते हैं और प्रकृति से उत्पन्न नहीं होते. इन्हें फॉरेवर केमिलक इसलिए कहते हैं क्योंकि ये खत्म नहीं होते. बीते वर्षों में इनकी तादाद पर्यावरण में बढ़ी है.


तो क्या बारिश का पानी हानिकारक है?


पीएफएएस की वजह से कैंसर, बांझपन और बच्चों के धीमी विकास जैसी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इस लिहाज से बारिश के पानी को पीने से परहेज करना ही बेहतर है. वैसे तो अधिकतर लोग अब फिल्टर और आरओ का पानी ही पीते हैं. लेकिन खेल-खेल में बच्चे अक्सर पानी में भींगते हैं और बारिश का पानी पी लेते हैं. उन्हें इसके प्रति सचेत करना जरूरी है.


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