अगले सप्ताह यानी 23 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर होंगे. इसी दौरान तकरीबन 1000 करोड़ से अधिक परियोजनाओं का तोहफा बनारस वालों को मिलने जा रहा है. इन सभी प्रोजेक्ट में सबसे अलग और खास है करीबन सवा तीन सौ करोड़ रुपए की लागत से बननेवाला क्रिकेट स्टेडियम. यह बनारस के गंजारी (राजातालाब) में बनने जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी अपने दौरे पर इसकी आधारशिला रखेंगे. इस स्टेडियम को जिस तरह से बनाया जा रहा है, उसमें काशी की संस्कृति के दर्शन भी होंगे. दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक बनारस को भगवान शिव की नगरी भी कहा जाता है. इसीलिए, स्टेडियम के निर्माण में शिव की भी झलक देखने को मिलेगी और गंजारी में बनने जा रहा वाराणसी का यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम काफी लुभावना और आकर्षक होगा. इस स्टेडियम को खास तौर पर शिवमय भी बनाया जा रहा है. 


शिवमय होगा स्टेडियम


स्टेडियम के डिजाइन की जो तस्वीरें अभी तक सामने आय़ी हैं, उसके मुताबिक इसमें भगवान शिव से जुड़े हुए वस्तुओं के आधार पर ही डिजाइन बन रहा है. स्टेडियम के सामने बनने वाले मीडिया सेंटर का डिजाइन भगवान शिव के डमरू की तरह होगा. डे-नाइट मैच के दौरान मैदान को रोशन करने वाली फ्लड लाइट्स त्रिशूल के आकार की होंगी. पीएम मोदी के आगामी दौरे में करीब 1000 करोड़ से अधिक परियोजनाओं का तोहफा बनारस वालों को मिलने जा रहा है. उनमें से एक यह स्टेडियम है जिसकी लागत तकरीबन 325 करोड़ रुपए है. स्टेडियम का प्रवेश द्वार जिस आकार का बनाया जा रहा है, वह बेलपत्र की तरह दिखेगा. इसकी छत अर्द्धचंद्राकार है. इस स्टेडियम में 30 हजार लोग बैठ सकते हैं और इसे बनाने के लिए दो साल का समय अनुमानित है. काशी की सांस्कृतिक झलक को दिखाने की इस स्टेडियम में पूरी कोशिश की गयी है. छत भगवान शिव के माथे पर विराजमान अर्धचंद्र का स्मरण कराएगा, तो फ्लड लाइट्स बाबा के त्रिशूल की याद दिलाएंगी. प्रवेश द्वार और उसके आसपास को घाट की सीढ़ियों जैसा बनाया जा रहा है, जबकि मीडिया लाउंज डमरू जैसा दर्शाया जाएगा. इंटरनेशनल स्टेडियम के लिए 121 करोड़ रुपये में जमीन की खरीद की जा चुकी है और जल्द ही इसका निर्माण शुरू हो जाएगा. खेलों को बढ़ावा देने के लिए यूपी खेल प्राधिकरण भी इसके साथ ही बनाया जाएगा, क्रिकेट स्टेडियम बनाने के साथ ही वाराणसी में बॉस्केटबॉल, कई अन्य जिलों में कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए भी करार किया गया है. 



क्रिकेट के साथ और खेलों को तवज्जो


यूपी में खेलों की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद सजग हैं. बनारस के क्रिकेट स्टेडियम के अलावा भी कई सारे प्रयोग और प्रयास राज्य सरकार ने खेल-संस्कृति को बढ़ाने के लिए दिए हैं. उत्तर प्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जहां पूरे देश के खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है. उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करना है और इसमें खेलों की अहम भूमिका होगी. 2021 में खेलो इंडिया को आगे बढ़ाते हुए बैडमिंटन और कुश्ती को आगे बढ़ाया गया और इसी का परिणाम है कि 220 से ज्यादा सांसद आज अपने संसदीय क्षेत्र में खेल महाकुंभ का आयोजन कर रहे हैं. इतना ही नहीं इस साल मोटो ग्रांप्री रेस से भी उत्तर प्रदेश फायदा उठाएगा. इस साल मोटो जीपी के तहत 19 देशों में 21 रेस होंगी और एक साल में यह अब तक की सबसे ज्यादा रेस का रेकॉर्ड है. इसमें उत्तर प्रदेश के सभी पर्यटक स्थलों को दुनिया भर के 195 देशों के 450 मिलियन घरों में प्रसारित किया जाएगा और भारत में मोटो जीपी रेस के लिए 3 हजार से अधिक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारी, 10 हजार से अधिक बाहरी लोग भारत आएंग. इससे टूरिज्म को कितना बढ़ावा मिलेगा, यह सोचा जा सकता है. अनुमान है कि केवल इस एक रेस से पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. 



बनारस के स्टेडियम का ठेका लार्सन एंड टुब्रो को दिया गया है और इसीलिए उसके शेयरों में भी 20 सितंबर को तेजी देखने को मिली. इसका पैवेलियन व ड्रेसिंग रूम खास तरीके से बनाया जाएगा. खेल मैदान सबसे अच्छा बनाने की तैयारी है, तो पार्किंग पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है. यह जमीन लीज पर पहले बीसीसीआई को दी जाएगी और फिर उसके देखरेख में इसका निर्माण कार्य शुरू होगा. अधिकारियों का कहना है कि स्टेडियम में जितने मैच होंगे, उसी हिसाब से बीसीसीआई को किराया देना पड़ेगा. प्रति मैच 10 लाख रुपए की फीस और 10 लाख रुपये प्रोत्साहन समिति में जमा कराने होंगे. बीसीसीआई के साथ ही बनारस की आम जनता को भी इस क्रिकेट स्टेडियम से बहुत उम्मीदें हैं. यह उत्तर प्रदेश का तीसरा और पूर्वांचल का पहला क्रिकेट स्टेडियम होगा. इस से अच्छे नतीजे की उम्मीद सभी को है. पास ही में बाबतपुर एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. भगवान शिव की नगरी है तो भारत के अलग-अलग राज्यों से भी पर्यटक आते हैं। इस स्टेडियम के पूरा होने के बाद पूर्वांचल के पास भी क्रिकेट के शौकीनों के लिए कुछ पेश करने को होगा.