जीवन में हर कोई खुश रहना चाहता है. आज यानी 20 मार्च को हर साल दुनिया को खुशी के महत्व को बताने के लिए अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का कौन सा देश सबसे ज्यादा खुश रहता है. अधिकांश लोगों के मन में अमेरिका, चीन जैसे ताकतवर देशों का नाम आ रहा होगा. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि पैसा और ताकतवर होने से किसी देश में खुशहाली आए ये जरूरी नहीं है. आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया का सबसे खुशहाल देश कौन सा है.


ये देश सबसे खुश


बता दें कि फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है. वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में फिनलैंड को सबसे खुशहाल देश बताया गया है. वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश हैं. लेकिन सबसे खास बात ये है कि फिनलैंड को लगातार सातवें साल ये मुकाम हासिल हुआ है. खुशहाली में उसने बड़े-बड़े देशों को पछाड़ा है. डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन जैसे देश भी टॉप 20 में शामिल हैं.


भारत 


वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक भारत खुशहाली के मामले में दुनिया के बाकी देशों से सबसे नीचे है. बता दें कि खुशहाली रैंकिंग में भारत पिछले साल की तरह ही 126वें स्थान पर है.


अमेरिका 


दुनिया में अमेरिका को सबसे ताकतवर देश माना जाता है. लेकिन वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में अमेरिका,चीन,जर्मनी जैसे बड़े देश दुनिया के 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल नहीं हैं. सर्वे में अमेरिका को 23 वां स्थान मिला है, जबकि 24वें स्थान पर जर्मनी है. हालांकि कोस्टा रिका और कुवैत 20 सबसे खुशहाल देशों में शामिल हैं. कोस्टा रिका 12वें स्थान पर है और कुवैत 13वें स्थान के साथ टॉप 20 देशों में शामिल है.


अफगानिस्तान


2020 में तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद से मानवीय तबाही से त्रस्त अफगानिस्तान वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में शामिल 143 देशों में सबसे निचले पायदान पर है. आंकड़े बताते हैं कि अफगानिस्तान के लोग खुश नहीं रहते हैं.  


दुनिया के बड़े देश शामिल नहीं लिस्ट में नहीं


वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया का कोई भी सबसे बड़ा देश शामिल नहीं है. टॉप 10 देशों में सिर्फ नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या 15 मिलियन से ज्यादा है. इसके साथ ही टॉप 20 देशों में कनाडा और यूके की जनसंख्या 30 मिलियन से ज्यादा है. बता दें कि 2006-10 के बाद से खुशहाली में सबसे तेज गिरावट अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन में देखी गई है. इसके अलावा पूर्वी यूरोपीय देशों सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है.


कैसे बनती है वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट


बता दें कि हैप्पीनेस रैंकिंग लोगों के जीवन संतुष्टि के उनके मूल्यांकन के साथ-साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, सामाजिक समर्थन, स्वस्थ जीवन, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार पर आधारित रिपोर्ट होती है. इस रिपोर्ट में उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 2006-10 के बाद से 30 साल से कम उम्र के लोगों के बीच खुशी में गिरावट आई है. बता दें कि पुरानी पीढ़ी अब युवाओं की तुलना में अधिक खुश है.


 


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