बचपन से आपने एक कहावत सुना होगा कि An Apple A Day Keeps The Doctor Away. यानी एक सेब रोज खाओ, डॉक्टर को दूर भगाओ. सेब को शरीर के लिए सबसे जरूरी फल माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बीमारियों का जोखिम कम करने वाले ये सेब कितने प्रकार के होते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि पूरी दुनिया में सेब के कितने प्रकार होते हैं. 


सेब पानी में क्यों तैरता ?


अब अगर आपको बताया जाए कि सेब में हवा होती है, जिसकी वजह से वो पानी में तैरता है. आप शायद इस बात पर यकीन नहीं करेंगे. लेकिन ये सच है कि 25 प्रतिशत हवा होती है. इसलिए अधिकतर सेब तैरते रहते हैं. इसके अलावा सेब एथिलीन गैस छोड़ता है, जिससे यह अपने आप पक जाता है और साथ में रखे अन्य फलों को भी पका देता है. 


सेब का इतिहास


सेब के इतिहास को किसी काल में नहीं बांधा जा सकता है. कहा जाता है कि यह फल मनुष्य के साथ ही पृथ्वी पर आया था. हालांकि वनस्पति शास्त्र कहते हैं कि सेब सबसे पहले मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान में पैदा हुआ था. वहीं से यह बाकी दुनिया में पहुंचा है. लेकिन यह भी कहा जाता है कि यह फल हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता है. भारत-अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी ने सेब के चार उत्पत्ति स्थल माने हैं. इनमें फर्टाइल क्रिसेंट (इजराइल, जोर्डन, सीरिया, इराक आदि देश), मिडिल ईस्ट सेंटर (ईरान, तुर्कमेनिस्तान), सेंट्रल एशियाटिक सेंटर (कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत) व चीन व दक्षिण पूर्वी एशिया (चीन, थाइलेंड, विएतनाम, कोरिया) शामिल हैं.


पूरी दुनिया में सेब की 7500 किस्म 


बता दें कि आज पूरी दुनिया में सेब उगाया और खाया जाता है. सेब की लगभग 7500 किस्में मौजूद हैं. अगर आप रोज एक सेब भी खाते हैं, तो आपको 20 साल से ज्यादा समय 7500 किस्म सेब खाने में लग जाएगा. आधुनिक विज्ञान के मुताबिक बिना छिले मध्यम आकार के सेब में 86% पानी, कैलोरी 52, प्रोटीन 0.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 13.8 ग्राम, चीनी 10.4 ग्राम, फाइबर 2.4 ग्राम, वसा 0.2 ग्राम होता है. इस फल में विटामिन सी, पोटेशियम, तांबा, मैंगनीज और ट्रिप्टोफैन (भूख, नींद और दर्द को कंट्रोल करने वाला तत्व) का एक अच्छा स्रोत हैं. इसलिए यह शरीर में कई बीमारियों का जोखिम कम कर देता है. 


 


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