देशी की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहने वाली भारतीय सेना को जल्द महिला ब्रिगेडियर मिलेगी. बता दें कि इससे पहले महिलाओं को ब्रिगेडियर के पोस्ट तक प्रमोशन नहीं मिलता था, लेकिन अब महिला अधिकारियों को भी ब्रिगेडियर रैंक मिलेगा. जानिए भारतीय सेना में क्या नया नियम होने वाला है लागू. 


ब्रिगेडियर 


बता दें कि इंडियन आर्मी में पहली बार महिला अधिकारी ब्रिगेडियर बनेंगी. सूत्रों के मुताबिक अगले साल अगस्त- सितंबर के आसपास ब्रिगेडियर के लिए प्रमोशन बोर्ड बैठ सकता है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2020 में आर्मी ने महिलाओं को उन सभी ब्रांच में परमानेंट कमीशन दिया था, जिनमें वह शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत आई हैं. वहीं पिछले साल फरवरी में परमानेंट कमीशन पाई महिला अधिकारियों की कर्नल रैंक में पोस्टिंग शुरू हुई थी. एक अधिकारी के मुताबिक कर्नल रैंक में दो साल होने के बाद उन्हें ब्रिगेडियर रैंक के लिए कंसीडर किया जाएगा. इतना ही नहीं अगले साल सेकंड हाफ में ब्रिगेडियर का स्पेशल प्रमोशन बोर्ड बैठ सकता है.


महिला अधिकारियों को प्रमोशन


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आर्मी अब तक 1992 से 2009 बैच तक की 508 महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन दे चुका है. इसमें से 128 महिला अधिकारियों को कर्नल रैंक में प्रमोशन भी दिया गया. सूत्रों के मुताबिक अगले साल 1992 से 1997 बैच तक की इन महिला अधिकारियों को ब्रिगेडियर रैंक के लिए कंसीडर किया जाएगा. बता दें कि आर्मी में पहले सिर्फ मेडिकल कोर, लीगल और एजुकेशन कोर में ही महिला अधिकारियों को यह प्रमोशन दिया जाता था. क्योंकि इन्हीं ब्रांच में महिला अधिकारियों के लिए परमानेंट कमीशन था. लेकिन अब महिला अधिकारी आर्मी एयर डिफेंस, सिगनल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, इलैक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर और इंटेलिजेंस कोर में परमानेंट कमीशन की हकदार हैं. आसान भाषा में समझे कि वो अब ब्रांच में कर्नल और इससे ऊपर के किसी भी रैंक तक पहुंच सकती हैं.


सेना में क्या-क्या बदले नियम


गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में सेना में कई अहम बदलाव हुए हैं. जैसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महिला अधिकारी कर्नल से ऊपर रैंक तक जा सकती हैं. सेना में भर्ती प्रक्रिया में अहम बदलाव हुआ है. नए नियमों के मुताबिक सरकार सेना में अग्निपथ योजना के तहत भर्तियां की जाएगी. जिसके तहत युवाओं की सेना में केवल 4 साल के लिए भर्ती की जाएगी. वहीं इसकी प्रक्रिया अलग होगी और पहले की तरह सेना में भर्ती नहीं होगी.


गौरतलब है कि लड़ाकू अभियानों के लिए भारतीय सेना की नई वर्दी बनाई गई है. सेना की पुरानी वर्दी साल 2008 से इस्तेमाल की जा रही थी. नई वर्दी में अब कई बदलाव किये गए हैं. जिसमें उसका छलावरण पैटर्न और नए कपड़े का इस्तेमाल शामिल है.


इसके अलावा पहले देश में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी की व्यवस्था थी. इसके बाद इसके स्थान पर सीडीएस की व्यवस्था की गई है, जो तीनों सेना के बीच कॉर्डिनेशन का काम करती थी. भारत में पहली बार सीडीएस पद पर विपिन रावत को नियुक्त किया गया था, जिनकी विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी.


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