Why Santa Claus wear same clothes: 25 दिसंबर को विश्व में हर जगह क्रिसमस मनाया जाता है, जिसकी वजह से सभी जगहों को काफी अच्छे तरीके से सजाया जाता है. ईसाई धर्म के लोगों में यह मुख्य रुप से मनाया जाता हैं. हालांकि, आज के समय सभी लोग इसको मनाते हैं. सैंटा क्लॉज को हमेशा हम ने हर जगह एक ही तरह के कपड़े में देखा है. लाल रंग के कपड़े और व्हाइट कलर की दाढ़ी में. ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर सैंटा क्लॉज हमेशा एक ही कपड़े में क्यों दिखाई देते हैं. आइए जानें इसके बारे में.
काफी पुराना इनका इतिहास
सैंटा क्लॉज का इतिहास काफी ज्यादा पुराना है. उनकी कहानी चौथी सदी के ग्रीक बिशप से है. उनका पूरा नाम सेंट निकोलस हैं. वह काफी दयालु और उदार प्रकृति वाले व्यक्ति थे. उस समय सेट निकोलस बच्चों को हमेशा छुप कर गिफ्ट बांटा करते थे, जब वह बच्चों को गिफ्ट बांटा करते तो उस वक्त लाल रंग के कपड़े पहनते थे.
रंग का महत्व
माना जाता है कि ईसाई धर्म में लाल रंग शहीद और प्रेम का प्रतीक होता है. उस समय सेंट निकोलस को बच्चों के प्रति उनके उदार व्यवहार के कारण संत माना जाता था.
19वीं सदी में
इसके बाद 19वीं सदी में एक अमेरिकी लेखक क्लेमेंट क्लार्क मूर ने एक कविता लिखी थी, जिसका नाम उन्होंने 'ए विजिट फ्रॉम सेंट निकोलस' रखा था. उस कविता में उन्होंने उनकी छवि एक मोटे, बूढ़े और हंसते हुए चेहरे वाले आदमी के रूप में की थी.
सफेद रंग का प्रतीक
बात की जाए सफेद रंग की तो सफेद रंग शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है. उनकी दाढ़ी का सफेद रंग उनकी दयालुता की दर्शाता है. इसके अलावा सफेद रंग को बर्फ से जोड़ा गया है. बर्फ क्रिसमस के मौसम का एक बहुत ही मुख्य हिस्सा है. इसी कारण उनके कपड़ों में सफेद रंग दिया गया है.
मार्केटिंग कैंपेन
20वीं सदी के बीच में सैंटा क्लॉज की फोटो एक सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी ने लाल और सफेद रंग के कपड़े पहने हुए अपने प्रोडक्ट में छापा था, क्योंकि वह उनके सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल से काफी ज्यादा मैच कर रही था. सॉफ्ट ड्रिंक की कंपनी के बाद धीरे-धीरे सभी कंपनियों ने इस कैंपेन का प्रयोग कर सेल शुरू की, जिसमें कंपनियों को काफी ज्यादा मुनाफा हुआ. इसी वजह से उनकी छवि बनाने में मार्केटिंग कैंपेन काफी अहम भूमिका निभाती है. इसके बाद हर जगह एक ही रंग के कपड़े में देखते-देखते लोगों ने सैंटा क्लॉज को उसी छवि में सोचना शुरू कर दिया.
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