अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से जहां देशभर के कई शहरों में धूम रही वहीं कई लोगों ने इसकी खुशी बेहद खास अंदाज में मनाई. कई लोगों द्वारा इस मुद्दे पर बयान भी जारी किया गया. वहीं हाल ही में इस मुद्दे पर ओआईसी संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. ओआईसी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की निंदा करते हुए इसे गंभीर चिंता का विषय बताया, लेकिन इन सब के इतर जानते हैं कि ये ओआईसी संगठन है क्या.


ओआईसी ने दिया बयान
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी को जारी किए गए बयान में ओआईसी नेे कहा, "भारतीय शहर अयोध्या में जिस जगह पर पहले बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी, वहीं 'राम मंदिर' का निर्माण और इसकी प्राण प्रतिष्ठा गंभीर चिंता का विषय है." 


इस संगठन नेे अपनी पिछली बैठकों में रुख जारी करते हुए ये कहा था, "हम इन कदमों की निंदा करते हैं, जिनका लक्ष्य बाबरी मस्जिद जैसे महत्वपूर्ण इस्लामिक स्थलों को मिटाना है. बाबरी मस्जिद उसी स्थान पर पांच सदी तक खड़ी थी". हालांकि इससे पहले भी ओआईसी भारत के कुछ मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करता रहा है.


क्या है ओआईसी?
बता दें ओआईसी मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है. इसके सदस्य 57 देश हैं. इस संगठन में सऊदी अरब का दबदबा है. हालांकि सऊदी अरब का नाम उन टॉप 10 देशों में नहीं आता जहां मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है लेकिन सऊदी अरब में मक्का और मदीना है इसके चलते इस संगठन में भी इस देश का बोलबाला है.


बता दें 1969 में हुई इस्लामिक समिट कॉन्फेंस के बाद ओआईसी का गठन किया गया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार 2060 तक मुसलमानों की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत होगा जबकि इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान रहेगा, लेकिन फिर भी इस संगठन में भारत को शामिल नहीं किया गया है.                     


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