Auto Tune: एक वक्त था जब संगीतकारों के पास संगीत रिकाॅर्ड करने के लिए ज्यादा तकनीक नहीं हुआ करती था. गायकों की आवाज और संगीत के वाद्य यंत्र से ही रिकॉर्डिंग हुआ करती थी. लेकिन अब तकनीक के विकास से संगीत का क्षेत्र भी काफी आगे बढ़ा है. म्यूजिक में भी अब नए-नए साफ्टवेयर और मशीनों का इस्तेमाल होने लगा है. 


और इसमें कुछ सॉफ़्टवेयर ऐसे भी हैं जो किसी बेसुरे सिंगर को भी सुरीला बना देते है. इस सॉफ़्टवेयर को कहते हैं ऑटो-ट्यून. सोशल मीडिया पर गायकों के बीच ऑटो-ट्यून काफी मशहूर है इन दिनों. चलिए जानते हैं क्या होती है यह ऑटो-ट्यून और क्या सच में यह किसी को भी अच्छा सिंगर बना देगी. 


क्या होती है ऑटो-ट्यून?


ऑटो-ट्यून एक सॉफ़्टवेयर है. जिसे संगीत की भाषा में पिच-करेक्शन सॉफ़्टवेयर कहते हैं. ऑटो-ट्यून से इस्तेमाल  गानों को और भी सुरीला बना दिया जाता है. सॉफ्टवेयर गायक बोलों को अपने आप ही संगीत की पिच से मैच कर देता है. एक तरह से कहें तो यह सिंगर की आवाज को और बेहतर बना देता है. 


आज म्यूजिक इंडस्ट्री में लगभग हर संगीत निर्देशक इसका इस्तेमाल करता है. इस सॉफ्टवेयर की मदद से सिंगर की वोकल्स को और भी फाइन किया जा सकता है. कुल मिलाकर कहें तो गाने को और ज्यादा सुरीला बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. 


क्या कोई भी सिंगर बन जाएगा इससे?


अक्सर लोगों के मन में यह गलतफहमी रहती है कि ऑटो-ट्यून की मदद से कोई भी व्यक्ति गायक बन जाता है. तो बता दें ऐसा नहीं है. ऑटो-ट्यून सिर्फ आवाज को रिफाइन करने का काम करती है. उसे और सुरीला बनाती है. लेकिन अगर किसी को गाना नहीं आता या फिर उसके वोकल्स खराब है. 


तो फिर ऐसे में ऑटो-ट्यून किसी काम की नहीं होती. हालांकि अभी भी बहुत से संगीतकार ऑटो-ट्यून के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं है. उनका मानना है इससे संगीत की असलियत और उसका महत्व कम होता है. तो वहीं इससे पक्षधर लोग इसे संगीत के लिए बेहतर मानते हैं. 


यह भी पढ़ें: Snake: ये सांप काटता कम दौड़ाता है ज्यादा, जानवरों का पैर बांध कर पी लेता है दूध