सऊदी अरब में शराब पीने को लेकर काफी सख्त नियम हैं, लेकिन अब विदेशी गैर-मुस्लिमों यानी मुस्लिमों के अलावा दूसरे देशों से आने वाले अन्य धर्मों के लोगों को शराब पीने को लेकर कई तरह की छूट दी गई हैं. हालांकि, इसके लिए कई शर्तें भी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर सऊदी अरब में कोई मुस्लिम शराब पी ले तो उसे कितनी सजा मिलती है? इसे लेकर वहां क्या नियम हैं?

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सऊदी अरब में क्यों बैन है शराब?

गौरतलब है कि सऊदी अरब में शरिया लॉ लागू होता है, जिसमें शराब बनाने, उसके आयात करने, बेचने, रखरखाव और पीने आदि को लेकर नियम बेहद सख्त हैं. ये नियम सभी तरह के लोगों के लिए लागू हैं, चाहे वे मुस्लिम हो या गैर-मुस्लिम. अगर यहां कोई शराब पीता या रखता है तो यह अपराध माना जाता है.

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मुस्लिमों को कितनी मिलती है सजा?

सऊदी अरब में शराब रखने-पीने या बेचने आदि सख्त पाबंदी है. यहां ऐसा करने पर सजा में जुर्माना, जेल और कोड़े मारन का प्रावधान है. मीडिया रिपोर्ट्स पर गौर करें तो यहां शराब रखने या पीने वालों को सार्वजनिक रूप से 40 से 80 कोड़े मारने तक की सजा दी जाती है. वहीं, 6 महीने से लेकर कई साल तक जेल की सजा सुनाई जा सकती है. साथ ही, भारी जुर्माना भी लगाया जाता है. अगर आरोपी विदेशी है तो उसे देश निकाला दे दिया जाता है. अहम बात यह है कि इस नियमों का पालन करते वक्त मुस्लिम या गैर-मुस्लिम का फर्क नहीं किया जाता है.

नियमों में अब क्या हुआ बदलाव?

गौर करने वाली बात यह है कि सऊदी अरब सरकार ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान शराब पीने आदि को लेकर थोड़ी ढील दी है, लेकिन यह बेहद स्पेशल विदेशी निवासियों के लिए ही है. इसके तहत सिर्फ ऐसे गैर-मुस्लिमों को शराब पीने आदि की छूट दी जाएगी, जो 50 हजार रियाल या करीब 13 हजार डॉलर से ज्यादा कमाते हो. 

नियमों में बदलाव क्यों कर रहा सऊदी अरब?

अब सवाल उठता है कि शरिया लॉ को बेहद सख्ती से लागू करने वाला सऊदी अरब अब शराब को लेकर अपने नियमों में क्यों बदलाव कर रहा है तो इसका जवाब 2034 में होने वाला फुटबॉल वर्ल्ड कप है. इसके अलावा सऊदी के अधिकारी तेल से होने वाली कमाई के अलावा रेवेन्यू बढ़ाने और टूरिज्म पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं.

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