केरल की एक अदालत ने 2017 में कोच्चि में एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में मलयालम फिल्मों के अभिनेता दिलीप को सोमवार को बरी कर दिया. अदालत ने हालांकि मुख्य आरोपी सुनील एन.एस. उर्फ़ ‘पल्सर सुनी’ समेत छह अन्य लोगों को दोषी करार दिया. अदालत ने इस मामले में अभिनेता के अलावा तीन अन्य लोगों को भी बरी कर दिया.

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एर्नाकुलम की प्रधान सत्र न्यायाधीश हनी एम. वर्गीस ने यह फैसला सुनाया. उन्होंने 25 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी.

इस बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि सरकार इस मामले पर अपील दायर करेगी. सुनील के अलावा जिन लोगों को दोषी ठहराया गया है उनमें मार्टिन एंटनी, मणिकंदन बी., विजेश वी. पी., सलीम एच. और प्रदीप शामिल हैं. ये सभी इस मामले में पहले छह आरोपी है.

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अदालत इस मामले पर 12 दिसंबर को फिर सुनवाई करेगी, और उसी दिन सजा पर फैसला सुनाया जा सकता है.

तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी अभिनेत्री का 17 फरवरी 2017 की रात कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया. आरोप है कि उन्होंने जबरदस्ती अभिनेत्री की कार में घुसकर दो घंटे तक कथित रूप से छेड़छाड़ की और बाद में एक व्यस्त इलाके में भाग निकले.

मुकदमे का सामना करने वाले दस आरोपियों में सुनील एन.एस. उर्फ ‘पल्सर सुनी’, मार्टिन एंटनी, मणिकंदन बी, विजेश वी.पी., सलीम एच., प्रदीप, चार्ली थॉमस, अभिनेता दिलीप (असली नाम पी. गोपालकृष्णन), सनिल कुमार उर्फ मेस्थरी सनिल और शरत शामिल थे.

पुलिस ने घटना के तुरंत बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया और अप्रैल 2017 में सात लोगों के खिलाफ पहला आरोपपत्र दायर किया.

जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी सुनी ने कथित तौर पर जेल से दिलीप को एक पत्र भेजा था, जिसके बाद 10 जुलाई 2017 को अभिनेता को गिरफ्तार किया गया. दिलीप को सात अक्टूबर 2017 को जमानत मिल गई थी.

बरी होने के बाद क्या बोले एक्टर दिलीप

इस मामले में बरी किए जाने के बाद अभिनेता दिलीप ने सोमवार को कुछ पुलिस अधिकारियों और मीडिया के एक वर्ग पर आरोप लगाया कि वे अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने के लिए उनके खिलाफ ‘‘साजिश’’ रच रहे हैं ताकि उनका करियर बर्बाद किया जा सके.

दिलीप ने आरोप लगाया कि मामले में आरोपी बनाने के लिए ‘‘असली साजिश’’ तो उनके खिलाफ रची गई.

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद स्थानीय अदालत द्वारा बरी किए जाने के तुरंत बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह मेरे करियर, छवि और जीवन को बर्बाद करने के लिए (ऐसा) किया गया था.’’

अपनी पूर्व पत्नी एवं अभिनेत्री मंजू वारियर की आलोचना करते हुए, अभिनेता ने कहा कि उनके खिलाफ पूरी साजिश मंजू के इस बयान से शुरू हुई कि पीड़िता पर हमले के पीछे एक आपराधिक साजिश थी और इसकी जांच होनी चाहिए.

किसी का नाम लिए बिना, अभिनेता ने आरोप लगाया कि एक शीर्ष महिला पुलिस अधिकारी और इस मामले की जांच के लिए उनके द्वारा चुना गया “आपराधिक पुलिसकर्मियों” का एक समूह उनके खिलाफ काम कर रहा था.

माकपा के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि सरकार पीड़ित अभिनेत्री के लिए पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के वास्ते इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी.