दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जो अपनी अलग-अलग खूबियों की वजह से जाने जाते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे छोटे देश के बारे में बताने वाले हैं, जिसके बारे में सुनकर आपको ताज्जुब होगा. आपने सही पहचाना आज हम दुनिया के सबसे छोटे देश वेटिकन सिटी के बारे में बात कर रहे हैं. बता दें कि ये देश 11 फरवरी 1929 को बना था. इस देश को 95 साल का हो चुका है. इतने लंबे समय में आज तक यहां कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ. जानिए आखिर क्या है इसके पीछे की वजह. 


रोमन कैथोलिक


बता दें कि रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के सारे बड़े धर्माचार्य यहीं रहते हैं. पोप यहां के शासक हैं. दरअसल इस देश को जब बनाया गया था, तो स्पष्ट था कि ये देश केवल रोमन कैथोलिक ईसाइयों के लिए काम करेगा. दरअसल आप ये भी कह सकते हैं कि पूरी दुनिया में जितने कैथोलिक चर्च हैं और कैथोलिक ईसाई हैं, उन सभी को आदेश यहीं से मिलते हैं. दुनियाभर के कैथोलिक चर्च और उनके पादरियों और बड़े धर्माचार्यों को यहीं से नियंत्रित किया जाता है. 


सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि इस देश के बनने के बाद कई बार ये चर्चा हुई कि यहां कोई अस्पताल क्यों नहीं है. इसकी मांग भी की गई लेकिन हर बार इसे खारिज कर दिया गया. यहां जब कोई गंभीर तौर पर बीमार होता है या कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसे या तो रोम के किसी अस्पताल में भेज दिया जाता है या उसके संबंधित देश भेजने की व्यवस्था कर दी जाती है.


वेटिकन सिटी


जानकारी के मुताबिक वेटिकन सिटी में अस्पताल नहीं खोलने का निर्णय संभवतः इसके छोटे आकार और आसपास के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाओं की निकटता के कारण लिया गया है. वेटिकन सिटी का आकार केवल 118 एकड़ है. यहां पर कोई अस्पताल नहीं है. सभी रोगियों को देखभाल के लिए रोम के क्लीनिकों और अस्पतालों में जाना होता है. वेटिकन सिटी में कोई प्रसव कक्ष भी नहीं है, लिहाजा यहां कोई बच्चा जन्म भी नहीं ले सकता है.


जानकारी के मुताबिक यहां पर कभी नेचुरल बेबी डिलिवरी भी नहीं हुई है. क्योंकि जब भी यहां कोई महिला गर्भवती होती है और उसकी डिलीवरी का समय करीब आता है. तो यहां के नियमों के मुताबिक उसको यहां से तब तक के लिए बाहर जाना होता है, जब तक कि वह बच्चे को जन्म नहीं देती है. ये ऐक ऐसा नियम है, जिसका पालन बहुत कड़ाई के साथ होता है. यहीं कारण है कि 95 सालों में कभी वेटिकन सिटी में कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ है. एक कारण ये भी है कि वेटिकन सिटी में कभी किसी को स्थायी नागरिकता नहीं मिलती है. जितने भी लोग यहां पर रहते हैं, वो अपने कार्यकाल तक ही यहां रहते हैं, तब तक के लिए उन्हें अस्थायी नागरिकता मिलती है.


 


ये भी पढ़ें: दुनिया के इस देश में रहते हैं 800 लोग, सिर्फ ईसाइयों को मिल सकती है नागरिकता