दुनिया के दो सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका (United States) और रूस (Russia) दोनों के बीच होड़ लगी हुई है कि कौन समुद्र पर राज करेगा. दोनों ही महाशक्ति समुद्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए अपनी नौसेना को मजबूत और एडवांस्ड बना रही हैं, क्योंकि दुनिया में 80% से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय व्यापार समुद्र के जरिए ही होता है. ऐसे में जिस देश की नौसैनिक शक्ति जितनी ज्यादा एडवांस्ड और पावरफुल होगी, समुद्र और वैश्विक बाजार पर उस देश का उतना ही ज्यादा कंट्रोल होगा.
इसी वजह से दोनों देश अपनी पनडुब्बी ताकत को बढ़ा रहे हैं. पनडुब्बी आम नौसैनिक हथियार नहीं है, बल्कि इसे समुद्र का ‘घातक शिकारी’ माना जाता है, जो महीनों तक महासागर के अंदर रहकर अपने देश की हिफाजत करती है. ऐसे में दोनों देश अपने पनडुब्बी बेड़ों की संख्या बढ़ा रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से परमाणु पनडुब्बियों की संख्या है. परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी किसी भी देश और उसकी सुरक्षा व्यवस्था को नेस्तनाबूद कर सकती है. आइए जानते हैं अमेरिका और रूस दोनों में से किस देश के पास सबसे घातक पनडुब्बी है और इनकी खासियत क्या है?
रूस और अमेरिका के पास कितनी परमाणु पनडुब्बी?
Global Fire Power Index (2025) की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के पास परमाणु पनडुब्बी (Nuclear Submarine) की संख्या लगभग 70 से भी अधिक है. अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी बेड़े में Ohio-class Submarine (बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी) तथा Seawolf-class Submarine शामिल हैं, जो अपनी मारक क्षमता और अचूक निशाने के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं. अमेरिका के पास विश्व का सबसे बड़ा पनडुब्बी बेड़ा भी है, जिसकी वजह से अमेरिका से समुद्र में टक्कर लेना किसी भी देश के लिए मुमकिन नहीं है.
लेकिन वहीं अमेरिका का कट्टर दुश्मन रूस (Russia) के परमाणु पनडुब्बी बेड़े में भी 65-70 की संख्या में पनडुब्बी हैं, जिसमें 2025 में रूस ने अपना नया न्यूक्लियर पनडुब्बी प्लेटफॉर्म Khabarovsk लॉन्च किया है, जिसे खास रूप से उन “Underwater Drone / Nuclear-Torpedo” के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिनमें Poseidon Underwater Drone जैसा हथियार ले जाने की क्षमता है.
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अमेरिका की सबसे पावरफुल परमाणु पनडुब्बी?
वर्जीनिया-क्लास (Virginia-class) परमाणु पनडुब्बी: यह परमाणु पनडुब्बी (Nuclear Submarine) अमेरिका की सबसे घातक और स्टील्थ न्यूक्लियर पनडुब्बियों में से एक है. यह उन कॉम्बैट मिशन्स में काम आती है जिनमें शांत और छिपकर वार करना होता है. दुश्मन पर ये पनडुब्बियां इतनी शांत हैं कि इन्हें पानी के नीचे ट्रैक करना लगभग असंभव है. इनमें Pump-jet Propulsion तकनीक का उपयोग किया गया है, जो दुश्मन पर कहर बनकर टूटती है.
वर्जीनिया-क्लास परमाणु पनडुब्बी बेहद खतरनाक हथियारों से लैस होती है, जिसमें Tomahawk Cruise Missiles शामिल हैं. यह मिसाइल 1600 किलोमीटर तक मार कर सकती है, और निशाना बेहद सटीक होता है. इसके अलावा MK-48 Heavy Torpedoes लगी होती हैं, जो दुश्मन की Submarine और पानी के ऊपर के घातक जहाजों को भी बहुत आसानी से मार गिराती है.
रूस की सबसे घातक परमाणु पनडुब्बी?
बोरेई-श्रेणी परमाणु पनडुब्बी (Borei-class Submarine): यह रूस की सबसे एडवांस्ड और पावरफुल न्यूक्लियर सबमरीन है. इस पनडुब्बी को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यह बहुत कम शोर करती है, जिससे दुश्मन को भनक भी नहीं पड़ती कि उनके आस-पास कोई परमाणु पनडुब्बी है. इनमें एक विशेष Pump-jet Propulsion सिस्टम का उपयोग किया गया है, जिससे इन्हें ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
ये 16 Bulava SLBM मिसाइल से लैस होती हैं. प्रत्येक Bulava मिसाइल अपने साथ 10 परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है. यानी यह एक पनडुब्बी अकेले 100 से अधिक परमाणु बम दाग सकती है. इस परमाणु पनडुब्बी का सबसे जरूरी काम है दुश्मन पर नजर रखना और आदेश मिलने पर परमाणु मिसाइलें दुश्मन देश पर दागना.
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