आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) के आने के बाद लोगों की नौकरियां जाने का खतरा बढ़ गया है. एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका की करीब 12 प्रतिशत नौकरियों की जगह एआई ले सकती है. यानी अब इन नौकरियों को करने के लिए इंसानों की जरूरत नहीं है और एआई इतनी एडवांस हो गई है कि उन लोगों के काम आसानी से कर सकती है. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित फाइनेंस, हेल्थकेयर और प्रोफेशनल सर्विस जैसे सेक्टर हुए हैं. 

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सिर्फ कोड लिखने तक नहीं रही है एआई 

MIT की एक ताजा स्टडी में एआई के असर को लेकर यह जानकारी सामने आई है. स्टडी से पता चला है कि आज के समय में एआई की कैपेबिलिटीज को देखते हुए 1.2 ट्रिलियन डॉलर के सालाना वेतन वाले टास्क ऑटोमेशन से हो सकते हैं. साथ ही यह बात भी निकलकर सामने आई है कि आज एआई सिर्फकोड लिखने और इमेज जनरेट करने तक सीमित नहीं रह गई है. यह ऑफिस एडमिनिस्ट्रेश, फाइनेंशियल सर्विसेस, एचआर, लॉजिस्टिक जैसे सेक्टर में भी डेटा एनालिसिस, वर्कफ्लो ऑटोमैशन और डॉक्यूमेंट हैंडलिंग के लिए यूज हो रही है. हेल्थकेयर सेक्टर में भी प्रोसेसिंग और दूसरे एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क एआई से पूरे किए जा रहे हैं.

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ऐसे कामों को एआई से बड़ा खतरा

MIT की स्टडी से पता चला है कि डॉक्यूमेंटेशन और रिपीटिटिव टास्क से जुड़े कामों को एआई से बड़ा खतरा है और सबसे पहले ऐसे काम करने वाले लोगों की नौकरियां जाएंगी. रिसर्चर का कहना है कि एआई आने से फाइनेंशियल एनालिस्ट खत्म नहीं होंगे, लेकिन डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग और रूटीन एनालिसिस का काम एआई ले लेगी. इस कारण हो सकता है कि नौकरियां एकदम से कम न हो, लेकिन उन नौकरियों की भूमिका तुरंत प्रभाव से बदल रही है. इस वजह से कर्मचारियों को अपनी स्किल अपग्रेड करने की जरूरत है.

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