भारत देश मंदिरों का देश है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरुपति बालाजी देश के सबसे धनवान भगवान माने जाते हैं. भारत में जितने भी मंदिर हैं, उन सबसे ज्यादा संपत्ति, सोना, चांदी, कैश आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के पास है. हम सभी जानते हैं कि  तिरुपति बालाजी भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर है, भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु का अवतार माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि मंदिर में हर साल कितना चढ़ावा आता है. 


सबसे अमीर मंदिर


तिरुपति बालाजी को सबसे अमीर मंदिर भी माना जाता है. यहां हर दिन लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं. जानकारी के मुताबिक मंदिर के पास मौजूदा समय में 10000 किलो सोना, 12000 करोड़ रुपये की एफडी और 1100 करोड़ से भी ज्यादा की अचल संपत्ति है. बता दें कि तिरुपति मंदिर में आने वाले लोग खूब दिल खोलकर दान देते हैं. यहां पर वह अपने सिर के बालों का भी दान देते हैं. इसके अलावा शरीर में पहनकर आए सोना-चांदी के गहने भी उतारकर मंदिर में चढ़ा देते हैं. कई बार कुछ लोग किलो के हिसाब से भी सोना दान करते हैं.


भगवान विष्णु का मंदिर 


भगवान वेंकटेश्वर को विष्णु का अवतार माना जाता है. इस मंदिर को भगवान विष्णु के आठ स्वयंभू मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर दक्षिण भारतीय वास्तुकला और शिल्पकला का नायाब नमूना है. जानकारी के मुताबिक ये मंदिर दक्षिण द्रविड़ शैली में बना है. मंदिर के दाएं भाग में अनंदा निलियम में भगवान वेंकटेश्वर की सात फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान है. खासबात यह है कि यह मूर्ति दाईं ओर स्थापित है, लेकिन देखने में यह मध्य में लगती है.


9000 किलोग्राम सोना 


मंदिर के पास 10 हजार किलोग्राम सोना मौजूद है. साल 2020 की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट के पास 9,000 किलोग्राम शुद्ध सोना जमा है. हालांकि बीते दो वर्षों में यह सोना और बढ़ गया होगा. माना जा रहा है कि यह 10000 किलो से भी ज्यादा होगा। वहीं साल 2020 में टीटीडी अधिकारियों ने कहा था कि दान में आया 7,235 किलो सोना देश के दो बैंकों में जमा है. वहीं लगभग 1,934 किलो सोना खजाने में रखा हुआ है. TTD के सोने के खजाने में भक्तों की ओर से चढ़ाया गया 553 किलो की छोटी जूलरी और अन्य सोने के आइटम शामिल हैं.


बैंक में एफडी 


वहीं तिरुपति बालाजी मंदिर में 50000 से लेकर 1 लाख श्रद्धालु हर रोज दर्शन के लिए आते हैं. कुछ विशेष मौकों पर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 4-5 लाख भी हो जाती है. यहां भक्त सोना, चांदी, कैश, जमीन के कागजों के अलावा डी मैट शेयर भी चढ़ावे में रखते हैं. मंदिर, हुंडी कलेक्शन या दान से हर साल 1,000 से लेकर 1200 करोड़ रुपये तक की कमाई करता है. तिरुपति मंदिर के 12,000 करोड़ से ज्यादा रुपये अलग-अलग बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में जमा होने का अनुमान है. वहीं नवंबर 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के पास पूरे देश में 1128 अचल संपत्तियां हैं, जो कुल मिलाकर 8,088.89 एकड़ जमीन पर फैली हुई हैं.


बैंक को कर्ज देते


क्या तिरुपति बालाजी मंदिरों को कर्ज देते हैं? जानकारी के मुताबिक मंदिरों का धन और सोना कई बैंकों के पास जमा है. मंदिर को हर साल कई हजार करोड़ रुपये सिर्फ बैंकों की तरफ से ब्याज के तौर पर मिलता है. लेकिन तिरुपति बालाजी मंदिर के तरफ बैंकों को कर्ज दिया जाता है, इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.  


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