गुजरात का कच्छ क्षेत्र अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. यहां के सफेद रेगिस्तान से हर कोई वाकिफ है, लेकिन पछम और खादिर के बीच सफेद रेगिस्तान को काटने वाली एक सड़क अब अपने आप में एक पर्यटन स्थल है. क्योंकि इस सड़क के दोनों ओर विशाल रेगिस्तान है और इस विशाल रेगिस्तान से होकर गुजरने पर  लोगों को एक अनोखी अनुभूति होती है. इसीलिए वे इस सड़क को ‘स्वर्ग की सड़क’ यानी ‘रोड टू हेवेन’ भी कहते हैं. बता दें कि कच्छ के रण को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है.


क्यों है खास


कच्छ के लखपत तालुका में घडुली से पाटन में संतलपुर तालुका तक 278 किमी लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग बनाया जा रहा है, जिसका 28 किमी हिस्सा सफेद रेगिस्तान से होकर गुजरता है. यह राजमार्ग कच्छ के पर्यटन सर्किट और अंदरूनी इलाकों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग साबित होगा. लेकिन पिछले 4 वर्षों से चल रहे काम के कारण पर्यटक भी इसके निर्माण को लेकर अधीर हो गए हैं. बता दें कि भुज तालुका के खावड़ा गांव से गुजरने के बाद यह सड़क रेगिस्तान से होकर गुजरती है. विशाल रेगिस्तान के बीच से गुजरती यह सीधी सड़क ऐसा आभास देती है कि रेगिस्तान के दो भाग हो गये हैं. मानसून की बारिश और कच्छ की उत्तरी समुद्री सीमा से आने वाले पानी के कारण रेगिस्तान में बाढ़ आ जाती है. उस वक्त पानी से भरे इस रेगिस्तान से गुजरने वाले यात्रियों के लिए यह सड़क रेगिस्तान और समुद्र के बीच का अंतर मिटा देती है. इस अहसास का आनंद लेने के लिए पर्यटक दूर-दूर से कच्छ आ रहे हैं. 


अभी भी जारी सड़क का काम 


जानकारी के मुताबिक इस सड़क का काम 2019 में शुरू हुआ था, लेकिन 4 साल बाद भी इस सड़क का काम अभी जारी है. धोलावीरा के ग्रामीणों का मानना है कि इस सड़क का काम पूरा होने में 2 साल और लगेंगे. जबकि इस साल की शुरुआत में कच्छ में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के लिए सड़क का केवल एक लेन पूरा हुआ था. इस सड़क का काम पूरा होने के बाद “रोड टू हैवन” सड़क पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ेगी.


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