Sudan Currency: सूडानी पाउंड भारतीय रुपए की तुलना में काफी ज्यादा कमजोर है. एक सूडानी पाउंड की कीमत सिर्फ ₹0.15 के बराबर है. लेकिन इसके बावजूद भी हजारों भारतीय वहां पर काम कर रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह.
क्यों करते हैं भारतीय वहां पर काम
वैसे तो सूडानी पाउंड की रुपए के मुकाबले ज्यादा कीमत नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी विदेशी प्रोफेशनल्स को दी जाने वाली सैलरी अलग तरह से तय की जाती है. सूडान में काम करने वाले भारतीय अक्सर ऐसी सैलरी कमाते हैं जो स्थानीय मानकों के हिसाब से ज्यादा होती है. इसी के साथ यह सैलरी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छी होती है. कई लोगों को अमेरिकी डॉलर या डॉलर से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट में पेमेंट किया जाता है. इसकी मदद से वे लोग स्थानीय करेंसी की गिरावट से बचते हैं.
भारतीय प्रोफेशनल्स की जबरदस्त मांग
सूडान लंबे समय से उन सेक्टर में विदेशी प्रोफेशनल्स पर निर्भर रहा है जहां पर स्थानीय कौशल की उपलब्धता सीमित है. भारतीय डॉक्टर, नर्स, इंजीनियर, टेक्नीशियन, टीचर और आईटी प्रोफेशनल्स की लगातार मांग बनी रहती है.
तेल, यूएन और मानवीय क्षेत्रों में मौजूदगी
सूडान में बड़ी संख्या में भारतीय तेल और ऊर्जा परियोजनाओं, अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ और संयुक्त राष्ट्र मिशन से जुड़े हुए हैं. यह सभी सेक्टर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग पर काम करते हैं और हार्ड करेंसी में सैलरी देते हैं. इसी के साथ यूएन शांति स्थापना और मानवीय मिशन में काम करने वाले भारतीय कर्मचारियों को अंतरराष्ट्रीय वेतनमान, भत्ते और फायदे मिलते हैं.
व्यावसायिक अवसर और कम कॉम्पिटीशन
आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भी सूडान छोटे और मध्यम व्यवसायों के लिए जगह देता है. कई भारतीय होटल, रेस्टोरेंट, ट्रेडिंग कंपनी, प्रिंटिंग प्रेस, बोरहोल ड्रिलिंग फर्म, और रिटेल स्टोर चलाते हैं. यहां पर प्रतिस्पर्धा काफी सीमित है और भारतीय व्यापारियों पर स्थानीय समुदाय भरोसा करते हैं.
इसी के साथ भारतीय काफी लंबे वक्त से सूडान में रह रहे हैं और काम कर रहे हैं . सुडानी नियोक्ता और ग्राहक अक्सर भारतीय प्रोफेशनल्स और व्यापारियों को पसंद करते हैं. भारतीयों को वहां पर भरोसेमंद, कुशल और लेनदेन में ईमानदार माना जाता है. सूडान में काम करने वाले भारतीयों के लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन रेमिटेंस है. घर पर रहने का खर्च कम होने की वजह से नियमित रूप से भेजे गए थोड़े से भी पैसे भारत में परिवारों को काफी मदद कर सकते हैं.
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