गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय रूपाणी के निधन की खबर ने पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया है. सरकार ने उनके सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया है. जैसे ही यह घोषणा हुई लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या इस दिन गुजरात में सभी दफ्तर, बाजार और स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे? आइए आपको बताते हैं इस राजकीय शोक से जुड़ी पूरी जानकारी.
गुजरात सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सम्मान में एक दिन का राजकीय शोक मनाया जाएगा. इस दौरान राज्य भर में सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और किसी भी प्रकार के आधिकारिक समारोह या सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे. क्या राजकीय शोक का मतलब है कि सब कुछ बंद रहेगा?
यह सबसे सामान्य सवाल है जो लोगों के मन में आता है. लेकिन स्पष्ट कर दें कि राजकीय शोक का मतलब यह नहीं होता कि पूरे राज्य में सब कुछ बंद रहेगा. स्कूल, कॉलेज, बैंक, दफ्तर और बाजार आम दिनों की तरह खुले रह सकते हैं. राजकीय शोक का मकसद दिवंगत नेता के प्रति सरकारी सम्मान प्रकट करना होता है. अगर कोई संस्थान या संगठन श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से स्वेच्छा से बंद रहता है, तो वह उसकी निजी मर्जी होती है.
विजय रूपाणी ने 2016 से 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी थी. उनके कार्यकाल को विकास और सुशासन के प्रयासों के रूप में देखा गया. वे राजकोट से विधायक भी रहे और पार्टी संगठन में कई जिम्मेदारियां निभाईं. उनकी सादगी, संवाद शैली और जनता से जुड़ाव के लिए वे विशेष तौर पर जाने जाते थे. सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि का सैलाब विजय रूपाणी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल समेत कई नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है. भाजपा कार्यकर्ता और आम जनता भी रूपाणी जी को याद कर रहे हैं और उनकी तस्वीरों के साथ भावुक पोस्ट शेयर कर रहे हैं.