रूस की 5वीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमान ने हाल ही में ईरान के एक एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग की है. इस लैंडिग के बाद से सवाल उठ रहा है कि क्या कोई फाइटर प्लेन किसी अन्य देश में लैंड कर सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर किन स्थितियों में कोई विमान किसी दूसरे देश में लैंड करता है और इसको लेकर क्या नियम है.

क्या है मामला?

बता दें कि रूस की 5वीं पीढ़ी के Su-57 लड़ाकू विमान ने अभी हाल ही में बेंगलुरू में आयोजित एयरो इंडिया 2025 में भाग लिया था. इस आयोजन में भाग लेने के बाद विमान वापस रूस लौट रहा था, इस दौरान Su-57 लड़ाकू विमान ने ईरान के एक एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग करना पड़ा था. जिसके बाद इंटरनेशनल मामले के एक्सपर्ट इसको लेकर कई तरह की अटकल लगा रहे थे. वहीं ईरानी सूत्रों के मुताबिक Su-57 ने 9वें टैक्टिकल एयर फोर्स बेस पर लैंडिंग की है. सूत्रों ने दावा किया गया कि फाइटर जेट यहां ईंधन भरने के रुका था.

दूसरे देशों में कब लैंड करते हैं फाइटर जेट?

अब सवाल ये है कि फाइटर जेट कब और किन परिस्थितियों में दूसरे देश में लैंड करते हैं. बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब कोई फाइटर जेट किसी दूसरे देश के एयरफोर्स बेस पर लैंड किया है. ऐसी घटनाएं अक्सर होती रहती है. बता दें कि जब कोई फाइटर जेट लंबी दूरी का सफर करता है, तो इस दौरान एक बार ईंधन भरवाने के लिए वो किसी भी देश के एयरफोर्स पर उतर सकता है. हालांकि वो किस देश के एयरफोर्स बेस पर लैंड कर रहा है, ये उन दोनों देशों के संबंध, दूरी और आपातकाल स्थिति पर निर्भर करता है. जब कोई फाइटर जेट बिना किसी ऑपरेशन के किसी आयोजन या सरकारी काम के लिए या फाइटर जेट की डिलिवरी करने के लिए जाता है, तो ऐसी स्थिति में पहले से तय होता है कि फाइटर जेट बीच में किस जगह पर उतरकर ईंधन भरेगा. 

आपातकाल स्थिति में फाइटर जेट कब करता है लैंड ?

फाइटर जेट जब आसमान में उड़ान भरता है, उस वक्त भी अगर प्लेन में कोई दिक्कत आती है, तो पायलट नजदीकी एयरपोर्ट से संपर्क करके वहां लैंड करने की अनुमति मांग सकता है. बता दें कि किसी भी एयरफोर्स एयरपोर्ट पर किसी भी देश का विमान बिना अथॉरिटी के परमिशन के लैंड नहीं कर सकता है. ऐसा करने पर वो देश उस विमान को जब्त तक कर सकता है और पायलट के खिलाफ अपने कानून के मुताबिक कार्रवाई कर सकता है.

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