नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के बाद जमकर प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. जहां हजारों युवा सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़कों पर उतरे और संसद भवन में घुस गए. यह पहली बार नहीं है जब किसी देश में प्रदर्शनकारी संसद में घुसे हों. इतिहास में कई देशों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं चलिए उनके बारे में जानते हैं.

ब्राजील 8 जनवरी 2023 को ब्राजील में हजारों प्रदर्शनकारी जो पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के समर्थक थे संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया. ये प्रदर्शनकारी 2022 के आम चुनाव में बोल्सोनारो की हार को स्वीकार नहीं कर रहे थे, जिसमें लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा विजयी हुए थे. बोल्सोनारो के समर्थकों ने दावा किया कि चुनाव में धांधली हुई थी, हालांकि इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिले.

श्रीलंका श्रीलंका में 2022 में आर्थिक संकट के दौरान प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए. देश में महंगाई और ईंधन की कमी से लोग त्रस्त थे. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ गुस्सा इतना बढ़ा कि लोगों ने पहले उनके आधिकारिक आवास पर कब्जा किया और फिर संसद में घुसकर तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने सांसदों के दस्तावेज फेंके और संसद की कुर्सियों पर कब्जा जमाया. इस आंदोलन से राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा.

संयुक्त राज्य अमेरिका 

सबसे ताजा और चर्चित उदाहरण अमेरिका का है. 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन डीसी में हजारों प्रदर्शनकारी यूएस कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए. ये लोग 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से नाराज थे, जिसमें जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को हराया था. ट्रंप के समर्थकों ने दावा किया कि चुनाव में धांधली हुई थी. गुस्साई भीड़ ने कैपिटल की सुरक्षा तोड़ दी, खिड़कियां तोड़ीं और सांसदों के दफ्तरों में घुस गए.  हांगकांग

हांगकांग में भी 2019 में प्रदर्शनकारी विधायिका भवन में घुस गए थे. ये लोग चीन के बढ़ते प्रभाव और एक विवादास्पद प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे. जुलाई 2019 में सैकड़ों युवाओं ने विधायिका भवन पर धावा बोला, दीवारों पर नारे लिखे और राष्ट्रीय प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया. 

जॉर्जियाजॉर्जिया में भी 2019 में प्रदर्शनकारी संसद भवन में घुस गए. जॉर्जिया की संसद मे रूसी सांसद के अध्यक्ष पद पर आसीन होने से नाराज लोगों ने संसद पर धावा बोला. विरोध प्रदर्शन काफी तेज हो गया. इसमें 240 से अधिक लोग घायल हुए थे.

ताइवानताइवान में भी साल 2014 में संसद भवन में घुसकर प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया था. चीन के साथ एक व्यापार संधि का विरोध कर रहे सैकड़ों छात्रों और कार्यकर्ताओं ने ताइवान की संसद में कब्जा कर लिया था. 

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