खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह ने संसद में पेश होने के लिए याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि अब तो लोकसभा सेशन खत्म हो चुका है, अब आने का क्या फायदा है? अब सवाल ये है कि क्या जेल में बंद कोई सांसद संसद सत्र में शामिल हो सकता है? जानिए इसको लेकर क्या है नियम.  

क्या है मामला?

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में हैं. उन्हें अप्रैल 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद करके रखा गया है. अमृतपाल ने जेल से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता था. जिसके बाद से ही संसद में उनकी उपस्थिति सिर्फ एक बार हुई है. संसद सत्र में शामिल होने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में उन्होंने याचिका दायर की थी. जिसके बाद बीते बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अब सत्र खत्म होने पर जाने का क्या फायदा है. जिसके जवाब में अमृतपाल के वकील ने कहा हमें डर है कि 46 दिन (याचिक दायर करने की तरीका के दिन से) की अनुपस्थिति हो गई है. वकीने ने कहा 60 दिनों की अनुपस्थिति पूरी होने के बाद उनकी सीट को रिक्त घोषित कर दिया जाएगा.

लोकसभा में उनकी उपस्थिति जरूरी

वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक अपनी याचिका में सांसद ने कहा है कि लोकसभा के महासचिव की ओर से जारी समन के मुताबिक उनकी उपस्थिति जरूरी है. अमृतपाल की गैरहाजिरी उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. ऐसा होने पर उनकी सीट को रिक्ट घोषित किया जा सकता है.

क्या कहता है नियम?

संविधान के अनुच्छेद 101(4) के मुताबिक अगर कोई सांसद साठ दिनों की अवधि के लिए सदन की अनुमति के बिना सदन की सभी बैठकों से अनुपस्थित रहता है, तो सदन उसकी सीट को रिक्त घोषित कर सकता है. हालांकि 60 दिनों में वह अवधि शामिल नहीं है, जिसके दौरान सदन को चार दिनों से अधिक लगातार स्थगित किया जाता है. आसान भाषा में समझिए कि अनुपस्थिति की अवधि की गणना सिर्फ संसद की वास्तविक बैठकों के आधार पर की जाती है. 

कैसे मिलेगी छुट्टी

अब सवाल ये है कि जेल में रहने के दौरान क्या छुट्टी मिल सकती है? बता दें कि अनुच्छेद 101(4) में कहा गया है कि ‘सदन की अनुमति के बिना’ कोई अनुपस्थित नहीं रह सकता है. यानी जेल में होने के कारण, इलाज के कारण किसी भी स्थिति में अगर कोई सांसद लंबी छुट्टी पर जाता है, तो उस दौरान वो अनुपस्थिति संबंधी समिति को पत्र लिखकर छुट्टी का आवेदन कर सकता है. वहीं अगर संसद की तरफ से छुट्टी मिलती है, तो उस सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी.

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