Gandhi Jayanti 2025: 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. वैसे तो महात्मा गांधी का जीवन और विरासत का ज्यादातर हिस्सा भारत से जुड़ा हुआ है लेकिन 1957 के विभाजन के बाद उनसे जुड़ी हुई कुछ चीज और स्थान पाकिस्तान में ही रह गए. आइए जानते हैं क्या हैं वे चीजें और वर्तमान में उनकी स्थिति कैसी है.
कराची में इंडियन मर्चेंट्स एसोसिएशन का शिलान्यास
8 जुलाई 1934 को महात्मा गांधी ने कराची इंडियन मर्चेंट्स एसोसिएशन की इमारत का शिलान्यास किया था. आज इस इमारत को कराची चैंबर ऑफ कमर्स एंड इंडस्ट्रीज का मुख्यालय बना दिया गया है. यह पाकिस्तान में एकमात्र ऐसी जगह है जिसका शिलान्यास गांधी जी ने किया था.
कराची में गांधी जी की मूर्तियां
1931 में सिंध हाई कोर्ट के सामने गांधी जी की एक कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई थी. ऐसा कहा जाता है कि इसे इंडियन मर्चेंट्स एसोसिएशन ने स्थापित किया था. इसी के साथ एक और मूर्ति कैंटोनमेंट रोड पर भी थी. बंटवारे के बाद इन मूर्तियों को हटा दिया गया और सिंध हाई कोर्ट के सामने वाली प्रतिमा कराची में भारतीय हाई कमिशन को सौंप दी गई. बाद में इसे इस्लामाबाद ले जाया गया.
इस्लामाबाद में गांधी जी की मोम की प्रतिमा
गांधी जी की एक और प्रतिमा इस्लामाबाद में पाकिस्तान स्मारक में प्रदर्शित है. यह मूर्ति मोम की बनी हुई है. यहां इसे मोहम्मद अली जिन्ना के साथ रखा गया है. इस मूर्ति को सम्मान के साथ प्रदर्शित किया गया है और यह पाकिस्तान में भी गांधी जी के ऐतिहासिक महत्व की एक पहचान है.
गांधी गार्डन और बाकी स्थल
आपको बता दें कि कराची और रावलपिंडी में कई सार्वजनिक स्थानों के नाम कभी गांधी जी के नाम पर हुआ करते थे. जैसे कि गांधी गार्डन. वक्त के साथ-साथ इन नाम को बदल दिया गया जैसे गांधी गार्डन अब कराची चिड़ियाघर के रूप में जाना जाता है. समय के साथ बाकी पार्क और सड़कों के नाम भी बदल दिए गए.
बंटवारे और वक्त के बदलने के बावजूद पाकिस्तान में इमारतें और मूर्तियां गांधी जी की मौजूदगी के सबूत हैं. कुछ चीजों को अब दूसरी जगह भेज दिया गया है या फिर उनके नाम बदल दिए गए हैं.
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