राजस्थान सरकार एक तरफ बीच सेशन में करोड़ों रुपये की परवाह किए बिना किताबों को बैन कर दे रही है, पाठ्यक्रम में बदलाव कर महापुरुषों के चैप्टर हटा रही है, तो वहीं इसी सरकार को बच्चों को मुफ्त स्कूल यूनिफॉर्म देने में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.

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तकरीबन आधा सेशन बीत चुका है, लेकिन राज्य के 55 लाख के करीब स्कूली बच्चों को अभी तक यूनिफॉर्म नहीं मिल सकी है. तमाम बच्चे या तो बिना यूनिफॉर्म के ही स्कूल आ रहे हैं या फिर पिछले साल की छोटी यूनिफॉर्म पहनने को मजबूर हैं. इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना है तो वहीं कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने पलटवार किया है.

बजट की कमी के चलते हो रही किरकिरी के बाद अफसर अब जनरल और ओबीसी वर्ग के बच्चों का नाम लिस्ट से हटाकर सिर्फ एससी एसटी स्टूडेंटस को ही यूनिफॉर्म दिए जाने की तैयारी की जा रही है. जाति के आधार पर बच्चों में भेदभाव कर उन्हें यूनिफॉर्म दिए जाने की तैयारियों पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. इसे लेकर विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है, तो वहीं सरकार के मंत्री विपक्ष को अल्टीमेटम देने में लगे हुए हैं. 

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गहलोत सरकार में शुरू हुई थी मुफ्त यूनिफॉर्म की योजना

राजस्थान में पूर्व अशोक गहलोत सरकार ने पहली से आठवीं क्लास तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को साल में दो यूनिफॉर्म मुफ्त में दिए जाने की योजना की शुरुआत की थी. बाद में नौवीं से बारहवीं की छात्राओं को भी इस योजना में शामिल कर दिया गया. इसके तहत बच्चों को यूनिफॉर्म के कपड़े दिए जाते थे और साथ ही सिलाई के पैसे अलग से मिलते थे. बच्चे दो यूनिफॉर्म में साल भर आराम से स्कूल आ जाते थे.

मुफ्त यूनिफॉर्म योजना से जनरल, ओबीसी के बच्चे होंगे बाहर?

मौजूदा सेशन लगभग आधा बीत चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी बच्चे को ना तो यूनिफॉर्म मिली है और ना ही उसे खरीदने या सिलवाने के पैसे. इस बारे में अंदरखाने चर्चा यह है कि सरकार यूनिफॉर्म पर खर्च होने वाले भारी भरकम बजट को लेकर पशो पेश में है. अब तैयारी यह की जा रही है कि मुफ्त यूनिफॉर्म योजना से जनरल और ओबीसी कैटेगरी के बच्चों को बाहर कर दिया जाए और सिर्फ एससी एसटी वर्ग के बच्चों को ही यूनिफॉर्म के पैसे दिए जाएं. हालांकि एससी-एसटी स्टूडेंट को भी यूनिफॉर्म कब मिलेगी, इस पर भी अभी पुख्ता तौर पर कोई जानकारी नहीं है.

कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

बच्चों को मुफ्त यूनिफॉर्म दिए जाने की सरकारी योजना खटाई में पड़ने पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि योजना उनकी पार्टी की सरकार के समय शुरू की गई थी, इसलिए मौजूदा सरकार इसे ठंडे बस्ते में डालना चाहती है. उन्होंने बच्चों के यूनिफॉर्म के साथ खिलवाड़ किए जाने और जाति के आधार पर भेदभाव किए जाने की कोशिशों पर नाराजगी जताते हुए सरकार को बेशर्म करार दिया है. 

राजस्थान के मंत्री ने कांग्रेस पर किया पलटवार

दूसरी तरफ राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, ''जिनके घर शीशे के होते हैं, वह दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते. कांग्रेस को इस बारे में मुंह नहीं खोलना चाहिए और चुप रहना चाहिए.'' 

पिछले 5 साल में स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या घटी

बहरहाल इस मामले में सियासत अपनी जगह है लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि जिस राजस्थान में पिछले 5 साल में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के लिए आने वाले बच्चों की संख्या करीब 20 लाख कम हो गई है, मुफ्त यूनिफॉर्म की स्कीम बंद किए जाने या इसमें कटौती किए जाने के बाद सरकारी स्कूलों से बच्चों का मोह और भी भंग हो सकता है. राजस्थान की शिक्षा के एक्सपर्ट नवीन शर्मा का कहना है कि यूनिफॉर्म नहीं मिलने पर बच्चों की संख्या और तेजी से कम हो सकती है. सरकार को अपने फैसले पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है.