Mahatma Gandhi: 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद पूरा भारत शोक में डूब गया था. अहिंसा के दूत कहे जाने वाले महात्मा गांधी ने सत्य और शांति के अपने सिद्धांतों से देश को स्वतंत्रता संग्राम में आगे बढ़ाया था. उनकी मृत्यु की खबर सुनकर पूरे देश में दुख की लहर दौड़ गई थी. आज हम बात करने जा रहे हैं उन नेताओं के बारे में जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के बाद गहरा शोक व्यक्त किया था. 

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पूरे देश में दुख की घड़ी 

महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गहरा शोक व्यक्त किया था. वे महात्मा गांधी की हत्या से काफी ज्यादा दुखी थे. राष्ट्र को संबोधित करते वक्त उनकी आवाज में गहरा दुख था. उन्होंने अपने संबोधन में इस घटना को राष्ट्र की रोशनी का बुझ जाना बताया था. जवाहरलाल नेहरू ने इस बात पर जोर देकर कहा था कि गांधी की मृत्यु न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत क्षति थी बल्कि भारत के लाखों लोगों के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान था. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि महात्मा गांधी ने जो रोशनी जगाई थी वह हजार साल तक दुनिया में चमकती रहेगी. उनकी मृत्यु से जो खालीपन हुआ है उसे भरना लगभग असंभव है.

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एक गहरा सदमा 

महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल को भी काफी बड़ा सदमा पहुंचा था. ऐसा कहा जाता है कि महात्मा गांधी की मृत्यु के कुछ वक्त बाद सदमे से सरदार वल्लभभाई पटेल को भी दिल का दौरा पड़ा था. जिससे उनकी बेटी मनीबेन और एक नर्स ने उन्हें बचाया था.

मौलाना अबुल कलाम आजाद की भावुक श्रद्धांजलि 

महात्मा गांधी के गरीबी सहयोगी और स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख नेता मौलाना अबुल कलाम आजाद को महात्मा गांधी की मृत्यु की खबर सुनकर काफी ज्यादा दुख हुआ था. रोते हुए उन्होंने गांधी को राष्ट्रपिता कहा और कहा कि उनकी मृत्यु से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को काफी बड़ा नुकसान होगा. मौलाना अबुल कलाम आजाद ने कहा था कि बापू चले गए, भारत को राह दिखाने वाला दीपक बुझ गया.

सी राजगोपालाचारी के लिए व्यक्तिगत नुकसान 

महात्मा गांधी के सबसे करीब दोस्तों और विश्वास पात्रों में से एक सी  राजगोपालाचारी ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद गहरा दुख व्यक्त किया था. दरअसल उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कई महत्वपूर्ण अभियानों में महात्मा गांधी के साथ काम किया था. उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या को अपनी जिंदगी का सबसे दुखद पल बताया था.

मोहम्मद अली जिन्ना का शोक संदेश 

यूं तो मोहम्मद अली जिन्ना और महात्मा गांधी के बीच विभाजन के मुद्दे पर वैचारिक मतभेद रहे थे लेकिन महात्मा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने एक शोक संदेश व्यक्त किया था. उन्होंने महात्मा गांधी को एक महान व्यक्ति और हिंदू समुदाय का नेता बताया था. इसी के साथ उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. हालांकि जिन्ना को महात्मा गांधी को हिंदू नेता कहने के बाद काफी ज्यादा आलोचना झेलनी पड़ी थी.

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