Mehul Choksi Case: जब भारत से कोई भगोड़ा विदेश भाग जाता है तो सरकार उसे वापस लाने के लिए सिर्फ अधिकारियों को ही नहीं भेज सकती बल्कि उन्हें प्रत्यर्पण संधियों पर निर्भर रहना पड़ता है. अभी हाल ही में एक बड़ा उदाहरण मेहुल चोकसी का है. मेहुल चोकसी 13000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले का आरोपी व्यवसायी है. मेहुल चोकसी बेल्जियम में था और अब क्योंकि भारत और बेल्जियम के बीच प्रत्यर्पण संधि है इस वजह से भारत सरकार ने औपचारिक रूप से उसकी वापसी का अनुरोध किया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और साथ ही यह भी कि भारत की वर्तमान में किन देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि है.
प्रत्यर्पण संधियां और व्यवस्थाएं
विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत की वर्तमान में 48 देश के साथ प्रत्यर्पण संधियां हैं. इसी के साथ 12 अन्य देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्थाएं भी हैं. यह संधि दो देशों के बीच एक औपचारिक, कानूनी रूप से एक बंधा हुआ एक एग्रीमेंट होता है जिस पर दोनों सरकारों द्वारा हस्ताक्षर और अनुमोदन किया जाता है.
इस प्रक्रिया में अपराधों और उन शर्तों का उल्लेख किया जाता है जिनके तहत किसी आरोपी व्यक्ति को प्रत्यर्पित किया जा सकता है. दूसरी तरफ प्रत्यर्पण व्यवस्था और भी ज्यादा फ्लैक्सिबल व्यवस्था है. यह औपचारिक संधि नहीं बल्कि आपसी सहयोग और कानूनी प्रावधानों के आधार पर प्रत्यर्पण की अनुमति देता है.
वे देश जिनके साथ प्रत्यर्पण संधि है
अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, अजरबैजान, बहरीन, बांग्लादेश, बेलारूस, बेल्जियम, भूटान, ब्राजील, कनाडा, चिली, मिस्र, फ्रांस, जर्मनी, हांगकांग, इंडोनेशिया, ईरान, इजराइल, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, मैक्सिको, नीदरलैंड, फिलीपींस, रूस, सऊदी अरब दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, तुर्की, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), यूनाइटेड किंगडम (यूके), संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), उज्बेकिस्तान और वियतनाम.
वे देश जिनके साथ प्रत्यर्पण व्यवस्थाएं हैं
फिजी, इटली, पापुआ न्यू गिनी, सिंगापुर (1972 से व्यवस्था, संधि वार्ता जारी), श्रीलंका, स्वीडन, तंजानिया, थाईलैंड, क्रोएशिया और पेरू.
प्रत्यर्पण प्रक्रिया कैसे काम करती है
दरअसल प्रत्यर्पण एक काफी जटिल कानूनी प्रक्रिया है जिसमें दोनों देशों की न्यायिक प्रणालियां शामिल होती हैं. सबसे पहले भारत प्रत्यर्पण का अनुरोध करता है और साथ ही यह साबित करने वाले सबूत भी देता है कि उस आदमी ने भारतीय कानून और विदेशी कानून दोनों के तहत प्रत्यर्पण योग्य अपराध किए हैं. इसे दोहरा अपराध भी कहा जाता है. जब अनुरोधित देश की अदालत संतुष्ट हो जाती है तब वह प्रत्यर्पण को मंजूरी दे देती है. इसके बाद आरोपी को भारत लाया जा सकता है.
क्या है मेहुल चोकसी का मामला
मेहुल चोकसी 13000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में एक आरोपी व्यवसायी है. हाल ही में बेल्जियम की एक अदालत ने चोकसी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. हालांकि अभी चौकसी की टीम ने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और मानव अधिकार की चिंताओं का हवाला देते हुए इस प्रक्रिया में देरी करने की कोशिश की है.
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