ईरान और इजराइल के युद्ध को आज पांच दिन हो रहे हैं. दोनों देशों के बीच की तनातनी ने युद्ध का रूप ले लिया है. दोनों देशों की सैन्य रणनीतियों में ड्रोन टेक्नोलॉजी अहम किरदार निभा रही है. दोनों देश एक-दूसरे पर ड्रोन, मिसाइल और फाइटर जेट्स से हमला कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि ईरान का ड्रोन इजराइल पर हमला करने वाला होता है, लेकिन तभी इजराइल का डिफेंस सिस्टम उसे मार गिराता है. इस दौरान यह भी चर्चा हो रही है कि आखिर ईरान या इजराइल किस देश का ड्रोन सिस्टम बेस्ट है.
वहीं इस जंग में अब पाकिस्तान भी कूद गया है, जो कि ईरान की मदद की बात कर रहा है. चलिए जान लेते हैं कि तीनों देशों में से किसके पास सबसे ज्यादा ड्रोन हैं और वो कितने ताकतवर हैं.
ड्रोन कितना घातक
इजराइल, ईरान और पाकिस्तान के ड्रोन की संख्या से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर ये कितने खतरनाक होते हैं. दरअसल आज के समय में हाईटेक तरीके से युद्ध लड़ा जाता है. इसमें यह देखा जाता है कि कम संसाधन में कितना ज्यादा नुकसान पहुंचाया जा सकता है. बस ड्रोन यही काम करते हैं. ड्रोन को कंट्रोल रूम में बैठकर ऑपरेट किया जाता है और ये लाइव तस्वीर व जीपीएस की मदद से लोकेशन बताता रहता है. जब यह टारगेट के पास पहुंच जाता है तो ऑपरेटर इसको कमांड देकर दुश्मन पर हमला कराता है.
ईरान के घातक और सस्ते ड्रोन
ईरान ने पिछले कुछ सालों में ड्रोन निर्माण में बहुत तरक्की की है. ईरान ने घरेलू तकनीक के आधार पर सस्ते और घातक ड्रोन तैयार किए हैं. ईरान के पास शहीद 136 सबसे चर्चित ड्रोन है. इसे कामिकाजे ड्रोन भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल रूस, यूक्रेन के साथ युद्ध में कर चुका है. शहीद 129 एक सशस्त्र ड्रोन है, जिसको अमेरिका MQ-1 प्रिडेटर की तर्ज पर तैयार किया गया है. मोहाजिर और अबाबील सीरीज को ड्रोन निगरानी और सटीक हमलों के लिए जाने जाते हैं. एक अनुमान के मुताबिक ईरान के पास छोटे-बड़े मिलाकर हजारों की संख्या में ड्रोन हैं.
इजराइल के हाईटेक ड्रोन्स
इजराइल के ड्रोन की टेक्नोलॉजी को दुनिया की सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी माना जाता है. ये ड्रोन्स न सिर्फ निगरानी करने के लिए बल्कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी काम आते हैं. भारत भी इजराइल के ड्रोन्स का इस्तेमाल करता है. इजराइल के पास Heron TP ड्रोन इस्तेमाल करता है. इसकी रेंज 7000 किलोमीटर तक है. इसकी उड़ान अवधि 36 घंटे है. दूसरा है Harop यह लोइटरिंग म्यूनिशन या सुसाइड ड्रोन कहलाता है. SkyStriker और Hermes 900 यह निगरानी और हमले दोनों में माहिर होता है. इजराइल के ड्रोन की विश्ववसनीयता और मारक क्षमता ईरानी ड्रोन से कहीं ज्यादा आगे है.
पाकिस्तान के ड्रोन्स
पाकिस्तान के पास शाहपार-2 ड्रोन है, जिसकी क्षमता 23,000 फीट उड़ान भरने की है. पाक का दावा है कि यह तकरीबन 500 किलो तक का पे लोड ले जा सकता है. पाकिस्तान के पास सिर्फ बुर्राख ड्रोन अपना है, बाकी सारे उसने बाहर से खरीदे हैं. पाकिस्तान के पास तुर्किए के अकिन्सी ड्रोन्स हैं. ये हवा से हवा और जमीन पर भी वार करते हैं. पाकिस्तान के पास 60 Male, 60 नेवी, 70 एयर फोर्स और 100 आर्मी के यूएवी हैं. हालांकि इनको लेकर आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन फिर भी इन सबमें इजराइल के ड्रोन्स ही सबसे घातक हैं.
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