जैसे ही हमारे सामने किसी जासूस का नाम आता है, हमारे दिमाग में तुरंत रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का नाम घूमने लगता है. क्योंकि भारत में भारतीय जासूसों के सभी तार इसी संस्थान से जुड़ हुए हैं. जिस तरह से सीबीआई और आईबी जैसी संस्थाएं देश के अंदर के दुश्मनों पर नजर रखती हैं और उन पर कार्रवाई करती हैं, उसी तरह से रॉ एक ऐसी संस्था है जो देश के बाहर के दुश्मनों से देश की रक्षा करती है.


इस खुफिया एजेंसी ने देश को कई शानदार और होनहार जासूस दिए हैं. इनमें रवींद्र कौशिक, आर. एन. काव, सहमत ख़ान, अजीत डोभाल जैसे नाम चोटी पर हैं. लेकिन 1968, जब रॉ की स्थापना नहीं हुई थी तो उससे पहले भी एक भारतीय जासूस हुआ करता था... जिसके नाम का सिक्का दुनियाभर के खुफिया एजेंसियों के दफ्तरों में चलता था. आज इस आर्टिकल में हम आपको उसी जासूस के बारे में बताएंगे.


कौन था सिल्वर


जिस जासूस को पूरी दुनिया सिल्वर के नाम से जानती थी, उसका पूरा नाम भगतराम तलवार (Bhagat Ram Talwar) उर्फ़ ‘सिल्वर’ था. भगतराम तलवार को भारत का पहला जासूस भी कहा जाता है. इस जासूस के नाम का डंका पूरे विश्व में बजता था, क्योंकि इसने सिर्फ भारत के लिए ही नहीं...बल्कि 5 देशों के लिए जासूसी की थी. यह दौर द्वितीय विश्व युद्ध का था, जब सिल्वर ने भारत समेत कई देशों के लिए जासूसी की थी.


सुभाष चंद्र बोस से भी जुड़ा नाम


जासूस बनने से पहले भगतराम तलवार भारत के एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. कहा जाता है कि साल 1941 में जब सुभाष चंद्र बोस गृहबंदी में थे...तो उन्हें वहां से छुड़ाकर देश से भगाने में सिल्वर का बहुत बड़ा रोल था. कहा तो ये भी जाता है कि नेता जी के साथ सिल्वर ने कोलकाता से काबुल तक की यात्रा भी की थी. हालांकि, भगतराम तलवार एक जासूस है, इस बात की भनक नेता जी को भी नहीं थी. आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि सिल्वर अपने काम में कितना माहिर था.


जिंदगी पर लिखी जा चुकी है किताब


सिल्वर से जुड़े किस्से इतने ज्यादा रोमांचकारी थे कि उन पर एक किताब भी लिखी जा चुकी है. मशहूर लेखक और पत्रकार मिहिर बोस ने अपनी किताब (Silver: The Spy Who Fooled the Nazis) में लिखा है कि भगतराम को लोग रहमत खान के नाम से भी जानते थे...लेकिन जो नाम सबसे ज्यादा चर्चित था वो सिल्वर था. इस किताब में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान के कई जासूसी किस्से आपको बढ़ने को मिल जाएंगे. किताब में मिहिर बोस लिखते हैं कि भगतराम एक ऐसे जासूस थे जो दावा करते थे कि वो 5 देशों के लिए जासूसी का काम किया करते थे.


ये भी पढ़ें: ये चूहा कभी पानी ही नहीं पीता... रेगिस्तान में भी नहीं लगती है इसे प्यास