भारत में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारत में ट्रेन रूट का बहुत ज्यादा व्यस्त होना भी कई बार हादसे का कारण बन जाता है. जैसे आज सुबह अजमेर में साबरमती-आगरा कैंट (12548) ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई थी. इससे साबरमती एक्सप्रेस के इंजन और 4 कोच पटरी से उतर गए थे. ऐसी घटना होने पर अधिकांश लोगों के मन में आता है कि ट्रेन में अचानक ब्रेक क्यों नहीं लग पाता है. आज हम आपको बताएंगे कि ट्रेन में ब्रेक कैसे लगते हैं.


ट्रेन में कैसे लगता है ब्रेक


बता दें कि ट्रेन में भी वही एयर ब्रेक होता है जो किसी बस या ट्रक में होता है. जानकारी के मुताबिक इसमें एक पाइप होता है, जिसमें हवा भरी होती है. यही हवा ब्रेक-शू को आगे-पीछे करती है और जब ब्रेक-शू पहिए पर रगड़ खाता है, तो ब्रेक लगने लगता है. 


इमरजेंसी ब्रेक


बता दें कि लोकोपायलट के बगल में जो ब्रेक होता है, उसी का इस्तेमाल इमरजेंसी ब्रेक के तौर पर भी किया जाता है. बस इमरजेंसी ब्रेक लगाने के लिए लीवर को ज्यादा खींचना पड़ता है. हालांकि इमरजेंसी ब्रेक किसी भी इमरजेंसी या आपातकाल की स्थिति में किया जाता है. लेकिन ऐसा नहीं होता है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के तुरंत बाद ट्रेन रूक जाती है. दरअसल इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद भी सब कुछ ट्रेन की स्पीड पर निर्भर करता है. अगर किसी ट्रेन की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा है तो इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बावजूद ट्रेन 800-900 मीटर की दूरी तय करेगी. इसके अलावा अगर कोई मालगाड़ी है, तो इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद वो 1100-1200 मीटर जाकर ही रुकती है. जबकि डीएमयू 625 मीटर चलने के बाद रुकेगी. आसान भाषा में कहे तो ट्रेन की स्पीड जितनी ज्यादा होगी, उसे उतना पहले इमरजेंसी ब्रेक लगाना जरूरी होता है. 


कब लगाना जरूरी इमरजेंसी ब्रेक


बता दें कि लोकोपायलट को अगर 1 किमी पहले दिखता है कि ट्रैक पर कोई व्यक्ति, जानवर या दूसरी ट्रेन आ रही है, तो इमरजेंसी ब्रेक लगाया जा सकता है. लेकिन कोई भी अगर अचानक ट्रेन के सामने आता है, ऐसे में इमरजेंसी ब्रेक लगाना मुश्किल हो जाता है. वहीं खासकर रात के समय भी इमरजेंसी ब्रेक लगाना मुश्किल होता है, क्योंकि विजिबिलिटी कम होती है. रात के वक्त लोकोपायलट को भी ट्रैक वहीं तक दिखता है, जहां तक इंजन के लाइट की रोशनी जाती है. बता दें कि जब भी कोई व्यक्ति ट्रेन की चेन को खींचता है, तो वो भी इमरजेंसी ब्रेक की वजह से ही रुकती है. 


 


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