S-400 Vs Iron Dome: फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर इतनी मिसाइल फायर कर दीं कि उसका डिफेंस सिस्टम भी फेल हो गया. इजरायल का एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम हजारों मिसाइलों की बारिश को नहीं रोक पाया और कई जगहों पर नुकसान हुआ. इस हमले के बाद से ही दुनियाभर के देश अपनी सीमाओं की सुरक्षा कड़ी कर रहे हैं. भारत ने भी पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर खास तैयारी शुरू कर दी है. भारत ने एलओसी और एलएसी पर एस-400 मिसाइल सिस्टम को तैनात कर दिया है, जो किसी भी हमले से निपटने के लिए बनाया गया है. आज हम आपको बताएंगे कि क्या ये डिफेंस सिस्टम हमास जैसे हमले को रोक सकता है?


भारत ने तैनात किया एस-400
हमास के पांच हजार से ज्यादा रॉकेट्स ने इजरायल के आयरन डोम को नाकाम कर दिया. ऐसे में तमाम बड़े देशों ने अपने एंटी मिसाइल सिस्टम पर काम शुरू कर दिया है. भारत को भी हाल ही में रूस की तरफ से ताकतवर मिसाइल सिस्टम एस-400 मिला है. जिसे अब पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर सुरक्षा का जिम्मा दिया गया है. 


कितना ताकतवर है एस-400?
अब उस सवाल पर आते हैं कि क्या एस-400 मिसाइल सिस्टम हमास जैसे किसी हमले को रोक सकता है? डिफेंस एक्सपर्ट्स का मानना है कि एस-400 एक उन्नत किस्म का सिस्टम है, जो किसी भी मिसाइल हमले को रोक सकता है. हालांकि भविष्य के खतरे को देखते हुए ये सिस्टम आने वाले कुछ सालों में कमजोर दिख सकता है. इसके लिए डिफेंस एक्सपर्ट्स एस-500 खरीदने की सलाह देते हैं. जिसकी टक्कर का कोई एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है.


एस-400 और आयरन डोम की ताकत
एस-400 की ताकत की बात करें तो ये एक बार में 36 मिसाइलों को गिरा सकता है. एक साथ इस सिस्टम से 72 मिसाइलें लॉन्च हो सकती हैं. आयरन डोम की ही तरह एस-400 भी हवा में ही मिसाइलों को इंटरसेप्ट कर मार गिराता है. मिसाइल के अलावा ये हवा में उड़ने वाली किसी भी चीज को उड़ा सकते हैं. एस-400 बैलिस्टिक मिसाइलों को भी गिरा सकता है. आयरन डोम के मुकाबले एस-400 लंबी दूरी तक मिसाइलों को मार सकता है. यानी ये एक लॉन्ग रेंज डिफेंस सिस्टम है. 


आयरन डोम की ताकत की बात करें तो अगर एक हजार रॉकेट फायर करते हैं तो ये उनमें से 900 रॉकेट्स को मार गिरा सकता है. आयरन डोम का रडार सिस्टम ये भी देखता है कि मिसाइल कहां जाकर गिरेगी, अगर रिहायशी इलाके में ये मिसाइल गिरती है तो इसे खत्म करने के लिए इंटरसेप्टर मिसाइल फायर होती है. 



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