States Formed On 1st November: 15 अगस्त 1947 का भारत को आजादी मिलने के बाद 500 से अधिक रियासतों का भारत में विलय नवगठित कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती थी. देश के पहले गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल ने यह जिम्मा संभाला था. कहीं बातचीत से तो कहीं सैन्य अभियान के जरिए सभी रियासतों को भारत में शामिल कर अखंड राष्ट्र के सपने को साकार किया था.


इनमें पुड्डुचेरी के भारत में विलय की कहानी बहुत खास है, क्योंकि यह अंग्रेजों के नहीं बल्कि फ्रांसीसियों के कब्जे में था और देश की आजादी के बाद सात सालों तक इसकी आजादी के लिए आंदोलन होते रहे. 1 नवंबर 1954 वह तारीख थी जब पुड्डुचेरी का भारत में विलय हुआ था. इसी दिन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का अलग राज्य के तौर पर गठन भी हुआ था. आज एक नवंबर की इस तारीख पर चलिए, हम इन राज्यों के इतिहास को बताते हैं.


आजादी के सात सालों बाद पुड्डुचेरी का विलय


15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद सारी रियासतें तो धीरे-धीरे देश का हिस्सा बन गई थीं लेकिन पुड्डुचेरी फ्रांसीसियों के कब्जे में था. 1954 में इसे भारत में विलय की मांग पर आंदोलन तेज हो गए थे. 7 अप्रैल टकराव हुआ जिसमें फ्रांस के कई सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया. तीन महीने बाद 9 अगस्त 1954 को वी सुब्बैया के नेतृत्व में सभी दलों ने पूरे पुड्डुचेरी में अनिश्चित कालीन हड़ताल की घोषणा कर दी और फ्रांस को तत्काल जाने को कहा.


उधर, भारत के प्र्धानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी फ्रांस पर दबाव बना रहे थे. आखिरकार 13 अक्टूबर 1954 को फ्रांस के तत्कालीन प्रधानमंत्री पियरे मेंडेस फ्रांसे झुक गए और शांतिपूर्वक पुड्डुचेरी सौंपने को तैयार हो गए. 18 अक्टूबर 1954 को 178 म्युनिसिपल काउंसिलर्स और असेम्बली प्रतिनिधियों में से 170 ने भारत के साथ विलय के पक्ष में मतदान किया. 1 नवंबर 1954 को पुड्डुचेरी का भारत में विलय हो गया. 


मध्य प्रदेश का गठन


भारत का दिल कहे जाने वाला राज्य मध्य प्रदेश का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ था. मध्य प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए 34 महीनों तक सिफारिशों पर विचार विमर्श होते रहे और आखिरकार एक नवंबर 1956 को मध्य भारत के पूरे हिस्से को अलग राज्य का नाम देते हुए मध्य प्रदेश के तौर पर चिह्नित किया गया था. चार राज्यों के प्रदेशों को मिलाकर इसका गठन हुआ.


छत्तीसगढ़ का इतिहास


छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी. तत्कालीन राष्ट्रपति ने 25 अगस्त 2000 को मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 को अपनी सहमति देने के बाद, मध्य प्रदेश के दस छत्तीसगढ़ी और छह गोंडी भाषी जिलों को विभाजित करके नये राज्य छत्‍तीसगढ़ का गठन को मंजूरी दी जिसे एक नवंबर को मूर्त रूप दिया गया.



तमिलनाडु का गठन


भारत के तमिलनाडु राज्य का गठन 01 नवंबर 1956 को हुआ था. तीन राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और केरल के हिस्से को मिलाकर तमिलनाडु का गठन किया गया है. अक्टूबर 1956 में 75 दिनों के अनिश्चितकालीन उपवास के बाद तमिल विद्वान और गांधीवादी, के शंकरलिंगनार की मृत्यु  हो गई. वह भाषा के आधार पर राज्यों के गठन के लिए आंदोलन कर रहे थे. उसके बाद राज्य विधानसभा में भाषाई आधार पर राज्य के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित हुआ और एक नवंबर 1956 को तमिलनाडु के गठन को मूर्त रूप दिया गया.


केरल का गठन


भारत के पहले केरल राज्य का गठन 1 नवंबर 1956 को हुआ. आंध्र प्रदेश के हिस्से के अलग होने के बाद उसी तारीख पर राज्यों के भाषाई पुनर्गठन विधेयक के मुताबिक मालाबार, कोचीन और त्रावणकोर प्रांतों को मिलाकर केरल राज्य का गठन हुआ.


कर्नाटक  का गठन भी 1 नवंबर 1956 को ही भाषाई आधार पर दक्षिण भारत के कन्नड़ भाषा बोलने वाले क्षेत्रों को मिलाकर किया गया. मैसूर की रियासत को बॉम्बे और मद्रास प्रेसीडेंसी के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों के साथ-साथ हैदराबाद की रियासत के साथ मिला कर कर्नाटक का गठन हुआ.


हरियाणा का गठन एक नवंबर 1966 को हुआ. इसके लिए न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेसी शाह की अध्यक्षता में पंजाब पुनर्गठन अधिनियम (1966)  को मंज़ूरी दी गई और पंजाब प्रांत को विभाजित कर हरियाणा का गठन किया गया.


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