पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को खत्म कर दिया है. इसके तहत भारत न तो पाकिस्तान के साथ इन नदियों का पानी साझा करेगा और न ही नदियों से जुड़ा कोई भी डेटा शेयर किया जाएगा. इस बीच सामने आया है कि चीन ने भी 2022 के बाद से नदियों से जुड़ा डेटा भारत के साथ साझा नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट्स में RTI के हवाले से इसकी पुष्टि की गई है. बता दें, चीन से भारत आने वाली दो प्रमुख नदियों को लेकर दोनों देशों के बीच करार हुआ था, जिसके तहत चीन दोनों नदियों से जुड़ा हाइड्रोलॉजिकल डेटा भारत के साथ शेयर करता था. 

यह जानकारी सामने आने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि चीन से कौन-कौन सी नदियां भारत आती हैं? ये नदियां भारत के किन राज्यों में बहती हैं और कितनी आबादी इन नदियों पर निर्भर है? चलिए जानते हैं इसके बारे में... 

ब्रह्मपुत्र नदी

यह नदी चीन के कब्जे वाले तिब्बत स्थित मानसरोवर झील से निकलती है. प्रवाह के हिसाब से यह दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी नदी है. 2900 किमी लंबी यह नदी चीन, भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में बहती है, जिसें 1700 किमी का रूट चीनी क्षेत्र में पूरा करती है और भारत में यह करीब 916 किमी का रूट कवर करती है. चीन में इस नदी को यारलुंग त्सांगपो के नाम से जाना जाता है, जो भारत में प्रवेश करते ही ब्रह्मपुत्र के नाम से जानी जाती है. यह नदी भारत में अरुणाचल प्रदेश से होते हुए असम की तरफ जाती है और वहां से बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है. 

सतलुज नदी

भारत की प्रमुख नदियों में से एक सतलुज का उद्गम स्थल थी तिब्बत में ही है. यह नदी तिब्बत में राक्षसताल के पास लांगचेन खबाब हिमनद से निकलती है. भारत में यह नदी हिमाचल प्रदेश में शिपकी ला दर्रा के पास से प्रवेश करती है और पंजाब में प्रवेश कर कर जाती है. अंत में यह नदी पाकिस्तान में सिंधु नदी में मिल जाती है. 

सिंधु नदी

सिंधु नदी तिब्बत की मानसरोवर झील और कैलश पर्वत के पास सेंग खबाब नाम के ग्लेशियर से निकलती है. यह नदी तिब्बत में कुछ सफर तय करने के बाद लद्दाख में प्रवेश करती है. इसके बाद यह जम्मू-कश्मीर होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है और बाद में अरब सागर में मिल जाती है. 

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