India-Canada Relation: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से ही भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव जारी है. पिछले दिनों पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंसियों पर इस हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद से ही कनाडा और यहां रहने वाले भारतीय काफी चर्चा में हैं. कनाडा में सबसे ज्यादा संख्या भारतीय सिखों की है, जो पिछले कई दशकों से यहां रहते हैं. आज हम आपको बता रहे हैं कि कनाडा में सिखों की बसावट कैसे हुई और आज ये संख्या लाखों में कैसे पहुंच गई. 


लंदन गई थी सैनिकों की टुकड़ी 
दरअसल कई साल पहले जब भारत पर अंग्रेजों का राज था, तब ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी लंदन गई थी. 1897 में महारानी विक्टोरिया ने डायमंड जुबली सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए इन्हें यहां बुलाया था. इसी टुकड़ी में कुछ सिख सैनिक भी शामिल थे. इनमें रिसालेदार मेजर केसर सिंह भी थे. जिन्होंने कनाडा में ही रहने का फैसला किया. केसर सिंह कनाडा में शिफ्ट होने वाले पहले सिख थे. 


ऐसे हुई बसने की शुरुआत
केसर सिंह के साथ कुछ और भारतीय सैनिकों ने भी कनाडा में रहने का फैसला किया. ब्रिटिश कोलंबिया में ये लोग रहने लगे. इसके बाद जब बाकी सैनिक भारत लौटे तो उन्होंने बताया कि वहां कैसी सुविधाएं हैं, वहीं ये भी कहा कि ब्रिटिश सरकार भी भारतीय लोगों को वहां बसाने के लिए तैयार है. इसके बाद से ही भारतीयों का कनाडा में शिफ्ट होने का सिलसिला शुरू हो गया. इनमें सबसे ज्यादा सिख थे. इस तरह से कनाडा में भारतीय सिख मजबूती के साथ बसने लगे. 


आज कनाडा में करीब 8 लाख सिख रहते हैं. जो किसी भी सरकार के लिए एक बड़ा वोट बैंक हैं. कनाडा में पिछले कई सालों से खालिस्तानी आंदोलन भी काफी तेजी से फैल रहा है, जिसे लेकर भारत लगातार विरोध करता आया है.


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