इंसानों सहित धरती पर मौजूद बाकी जीवों के लिए ऑक्सीजन काफी जरूरी है. इसी ऑक्सीजन की वजह से ही धरती पर मनुष्य सहित बाकी जीव-जन्तुओं का अस्तित्व है. दूसरे ग्रहों पर ऑक्सीजन की कमी के चलते वहां जीवन नहीं होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऑक्सीजन की कमी से जीवन खत्म हो सकता है, लेकिन ऑक्सीजन दोगुनी हो जाए तो क्या इंसान सुपरमैन बन जाएगा? इससे इंसान के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
क्या हो अगर ऑक्सीजन डबल हो जाए?
धरती से अगर ऑक्सीजन सिर्फ कुछ सेकेंड के लिए हट जाए तो धरती पर त्राहिमाम मच जाएगा. बड़ी-बड़ी इमारतें कुछ सेकेंड में ध्वस्त हो जाएंगी, गाड़ियां जहां हैं, वहीं पर रुक जाएंगी. इंसान और जानवर मरने लगेंगे. ठीक इसका उल्टा ऑक्सीजन के बढ़ने के बाद होगा. धरती पर मौजूद जानवरों का आकार कई गुना बढ़ जाएगा. छोटे-छोटे कीड़े भी आपको बड़े बड़े नजर आने लगेंगे. मकड़ी का साइज चूहा और चूहे का साइज खरगोश जितना हो जाएगा. धरती पर मौजूद पेड़ इतने विशाल हो जाएंगे कि वे बादल को छूने लगेंगे.
इंसानों पर क्या होगा असर?
अगर इंसानों पर इसके असर की बात करें तो इंसान अपने साइज से 2 मीटर ज्यादा लंबा हो जाएगा. वह साल 2005 में आई फिल्म Hulk मार्वल कॉमिक्स जैसा दिखाई देने लगेगा. इससे इंसान सुपरमैन तो नहीं बनेगा, लेकिन उसका आकार पहले से ज्यादा बड़ा हो जाएगा. इंसान के शरीर में पाए जाने वाले न्यूट्रोफिल में जानलेवा वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता बढ़ जाएगी. आप सड़क पर जिन गाड़ियों को पेट्रोल और डीजल से चलते देखते हैं, वे बिना पेट्रोल और डीजल के चलने लगेंगी. कागज के प्लेन काफी दूर तक उड़ेंगे. इन सब के साथ कई खतरे भी होंगे. जैसे आग बहुत ज्यादा लगेगी और उसको बुझाने में लोगों को खूब मशक्कत करनी पड़ेगी.
क्या पहले कभी ऐसा हो चुका है?
आज भले ही हमें यह कहानी या फिक्शन फिल्म की स्टोरी जैसे लगे, लेकिन कई रिपोर्ट्स के अनुसार, आज से करीब 300 मिलियन वर्ष पहले इस तरह की घटना हो चुकी है. आज धरती पर 21 प्रतिशत ऑक्सीजन है, उस समय धरती पर ऑक्सीजन की मात्रा करीब 30 प्रतिशत थी. आर्कियोलॉजिकल सर्वे में यह पता चला है कि उस समय पाए जाने वाले जीव काफी विशाल और ताकतवर होते थे. बता दें कि ऑक्सीजन से इंसान के शरीर के साइज, दिमाग के आकार, विकास पर असर पड़ता है. बॉडी में जितने भी ग्लूकोज, रेड ब्लड सेल्स बनते हैं, उनमें ऑक्सीजन का रोल अहम होता है.
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