परियों का दिखना, अजीब सी आवाजें; जानें स्पेस में ज्यादा वक्त बिताने पर एस्ट्रोनॉट्स के दिमाग पर क्या होता है असर?
स्पेस में कोई ग्रेविटी नहीं होती है और लंबे वक्त तक जीरो ग्रेविटी में रहने के बाद जब कोई धरती पर आता है, तो उसको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
जब भी कोई अंतरिक्ष यात्री स्पेस में जाने के बाद वहां से छह महीने का वक्त बिताकर लौटता है तो उसके दिमाग में कई बदलाव देखने को मिलते हैं.
रिपोर्ट्स की मानें तो जब कुछ एस्ट्रोनॉट्स के दिमाग को अंतरिक्ष में जाने से पहले और बाद में स्कैन किया गया और दोनों की तुलना हुई तो उनके दिमाग के कुछ खास हिस्से पेरिवैस्कुलर स्पेस पर इसका असर नजर आया.
अंतरिक्ष से लौटने के बाद एक अंतरिक्ष यात्री डोनॉल्ड पेटिट ने बताया था कि आंखें बंद करने के बाद उनको परियां दिखाई देने लगती थीं. वहीं जागने पर अजीब सी रोशनी नजर आती थी.
इसके अलावा भी कई एस्ट्रोनॉट्स ने बताया था कि उनको अजीब तरह की आवाजें सुनाई देती हैं और तेज सी रोशनी नजर आती है.
एक रिसर्च की मानें तो अंतरिक्ष में जाने के बाद वहां पर लोगों का दिमाग अलग तरह से काम करना शुरू कर देता है. ऐसा अंतरिक्ष में मौजूद रेडिएशन की वजह से होता है.
इसको न्यूरोप्लासिसिटी कहा जाता है. वहीं कुछ अंतरिक्ष यात्रियों का कहना था कि उनको अंतरिक्ष से वापस आने पर थकान का अनुभव होता है. दरअसल धरती पर लौटने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को एनिमिया भी हो जाता है.