Prisoner Salary in India: देश भर में कैदी जेल में रहते हुए काम में लगे रहते हैं, अपनी क्षमताओं और कौशल के आधार पर विभिन्न कार्यों के माध्यम से पैसा कमाते हैं. उनकी कमाई खातों में जमा की जाती है. कुछ सुविधाओं में, कैदियों को उनके काम के आधार पर अलग-अलग वेतन मिलता है, जिसका कुछ हिस्सा अलग-अलग बैंक खातों में भेजा जाता है. हालांकि, कैदियों को अपनी कमाई का एक हिस्सा जेल के भीतर खर्च करने के लिए भी मिलता है.


इन कामों में होता है पैसों का इस्तेमाल


जेलों के अंदर, मौद्रिक लेनदेन नियमित मुद्रा के बजाय कूपन के माध्यम से होता है, जो विभिन्न कार्य असाइनमेंट के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है. रिश्तेदार कैदियों के लिए पैसा जमा कर सकते हैं, जिसे कूपन में बदला जा सकता है. यदि कैदी अपने श्रम से कमाई अर्जित करते हैं, तो वे कुछ हिस्सा घर भेज सकते हैं, या प्रशासन उनकी रिहाई के लिए उनकी कमाई का एक हिस्सा अपने पास रखता है. प्रत्येक जेल में एक सरकारी कैंटीन होती है जो साबुन, टूथपेस्ट और इनरवियर जैसी आवश्यक वस्तुएं प्रदान करती है, जिन्हें कैदियों के कमाए हुए पैसे से खरीदा जा सकता है.


इतने रुपये होती है महीने की कमाई


कैदियों को उनके काम के हिसाब से भुगतान किया जाता है. दरें समय-समय पर संशोधित की जाती हैं और राज्यों के बीच अलग-अलग होती हैं. साल 2021 के जेल सांख्यिकी के मुताबिक, स्किल वाले कैदी(कुशल), थोड़ा बहुत स्किल(अर्ध-कुशल) जानने वाले कैदी और बिना स्किल वाले कैदियों(अकुशल) को रोजाना औसतन 111.17 रुपये, 95.03 रुपये और 87.63 रुपये मिलते हैं. साल 2015 के जेल आंकड़ों के मुताबिक, पुडुचेरी में कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल कैदियों को क्रमशः 180 रुपये, 160 रुपये और 150 रुपये प्रति दिन की मजदूरी मिलती है. कर्नाटक में कैदियों को सबसे ज़्यादा वेतन मिलता है. पहले साल में कैदियों को 14,248 रुपये प्रति माह मिलते हैं. 


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