Delhi News: दिल्ली में बीते साल होने वाले सड़क हादसों में लगभग आधे से ज्यादा वाहनों को ट्रैक नहीं किया जा सका. इसका मतलब है कि जिन वाहनों से सड़क हादसों में मौतें हुईं, उनमें से आधे से ज्यादा गाड़ियों का पता नहीं लगाया जा सका. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) की ओर से दिए गए डेटा से ये जानकारी मिली. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से दिए गए डेटा के मुताबिक, 780 सड़क दुर्घटनाएं मुख्य रूप से कारों, टैक्सी, जीपों और दोपहिया वाहनों से हुईं, जबकि 677 दुर्घटनाएं अनजान वाहनों से हुईं. इसी तरह, पैदल यात्रियों से जुड़ी 2,234 दुर्घटनाओं में से 949 अज्ञात वाहनों, 412 दोपहिया वाहनों, कार, टैक्सी, जीप से 391 सड़क दुर्घटनाएं हुईं.  ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि 47 फीसदी सड़क मौतें अज्ञात वाहनों से हुईं.


वहीं सड़क हादसों में टैक्सी 14 फीसदी, भारी परिवहन वाहनों 12 फीसदी और दोपहिया वाहन 10 फीसदी मौतों कारण बनें. अज्ञात वाहनों के कारण सड़क पर 668 लोगों की मौत हो गई और लगभग 1,104 लोग घायल हो गए. सर्वाधिक घटनाओं के मामले में निजी कारें दूसरे स्थान पर रहीं, जिनसे 196 मौतें हुईं. 1,275 ऐसे हादसे हुए, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ. सड़क हादसों के मामले में सबसे पीछे माल वाहक वहान रहे, जिनके कारण 178 घातक सड़क दुर्घटानाएं हुईं, जबकि 241 ऐसे हादसे हुए, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ. माल वाहक वाहनों से कुल मिलाकर 419 सड़क हादसे हुए. 


डीटीसी बसों से 126 सड़क दुर्घटनाएं


दूसरी तरफ दोपहिया वाहन भी सड़क दुर्घटनाओं के लिए महत्वपूर्ण रूप से जिम्मेदार थे. इनसे 144 मौतें हुईं. डीटीसी बसें भी सड़क दुर्घटनाओं में एक और प्रमुख योगदानकर्ता रहीं. डीटीसी बसों से 126 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 37 घातक थीं. वहीं 89 ऐसे हादसे हुए, जिसमें कोई हताहत नहीं हुआ. विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) एसएस यादव ने बताया कि पीड़ित और दुर्घटना ग्रस्त वाहनों की प्रवृत्ति सड़क हादसों में सबसे अधिक शामिल कारकों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है. यादव ने बताया कि सड़क हादसों में दोपहिया वाहन, कार, टैक्सी या एसयूवी शामिल रहीं, जिनसे पिछले साल 780 दुर्घटनाएं हुईं. अज्ञात वाहनों से 677 दुर्घटनाएं हुईं.


ये भी पढ़ें- Delhi Dry Day: दिल्ली में 19 नवंबर को बंद रहेंगी शराब की दुकानें, छठ पूजा की वजह से केजरीवाल सरकार ने ड्राई डे किया घोषित