हमारी हर सुबह नई तारीख के साथ शुरू होती है. वहीं दिन, महीना और साल का यह क्रम हमें कैलेंडर से ही पता चलता है. शुभ-अशुभ दिन त्यौहार, चंद्र या सूर्य ग्रहण सब की जानकारी हमें कैलेंडर के जरिए ही मिलती है. हिंदू धर्म में पंचांग देखने की परंपरा है, वहीं इस्लाम में हिजरी कैलेंडर का प्रयोग किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कितने तरह के कैलेंडर मौजूद है और इनमें सबसे पुराना और सबसे नया कैलेंडर कौन सा है?

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दुनिया में कितने तरह के कैलेंडर?

दुनिया पर समय को मापने के लिए अलग-अलग तरह के कैलेंडर बनाए गए हैं. हर सभ्यता ने अपने धर्म, संस्कृति और विज्ञान के अनुसार समय गिनने की अलग प्रणाली अपनाई है. वहीं आज दुनिया में लगभग 40 तरह के कैलेंडर मौजूद है. लेकिन इनमें से 11 सबसे ज्यादा प्रचलित माने जाते हैं. 

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कौन सा है दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर?

वैज्ञानिकों के अनुसार दुनिया का सबसे पुराना कैलेंडर करीब 8000 ईसा पूर्व का है. यह कैलेंडर स्कॉटलैंड एबरडीन शायर में मिला था. माना जाता है कि उस समय इंसान शिकारी जीवन जीता था और मौसम के बदलाव को समझने के लिए कैलेंडर का प्रयोग करता था. इसके अलावा फ्रांस में मिले सबूत भी बताते हैं कि करीब 30,000 साल पहले इंसान कैलेंडर का इस्तेमाल करता था.  वहीं भारत में हिंदू कैलेंडर यानी पंचांग के ईसा पूर्व 1000 पहले के इस्तेमाल के सबूत भी मिलते हैं. 

सबसे नया और प्रचलित कैलेंडर 

जूलियन कैलेंडर 40 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर ने शुरू किया था. इसमें 365 दिन और हर चौथे साल एक एक्‍स्‍ट्रा दिन जिसे लीप ईयर भी कहा जाता है, जोड़ा गया था. वहीं पहली बार इसी कैलेंडर में साल की शुरुआत 1 मार्च की बजाय 1 जनवरी से होने लगी थी. वहीं वर्तमान पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर चलता है. इसकी शुरुआत 1569 में हुई थी. इसमें साल को ईसा मसीह के जन्मदिन से गिना जाता है ‌. वहीं ग्रेगोरियन कैलेंडर में 12 महीनों के नाम जूलियन कैलेंडर से ही लिए गए हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर में भी हर चौथा साल लीप ईयर होता है, जिसमें 366 दिन होते हैं. यही कैलेंडर आज दुनिया का सबसे नया कैलेंडर माना जाता है. 

दुनिया के अन्य प्रमुख कैलेंडर 

  • हिंदू कैलेंडर, पंचांग- दुनिया के अन्य प्रमुख कैलेंडर में हिंदू कैलेंडर की शामिल है, जिसे पंचांग कहा जाता है. यह सूर्य और चांद दोनों पर आधारित है और इसका उपयोग भारत और नेपाल में किया जाता है. 
  • इस्लामी हिजरी कैलेंडर-  इस्लामी हिजरी कैलेंडर केवल चांद पर आधारित है, यह कैलेंडर 12 महीने और 354 दिन का होता है. 
  • चीनी कैलेंडर- चीनी कैलेंडर लूनी सोलर प्रणाली वाला होता है. वहीं इस चीनी कैलेंडर के सालों के नाम 12 जानवरों पर रखे गए हैं. जो हर 60 साल में दोहराएं जाते हैं. 
  • हिब्रू कैलेंडर-  यह कैलेंडर भी लूनी सोलर प्रणाली पर आधारित है, इसमें 354 से 385 दिन होते हैं. 
  • बौद्ध कैलेंडर- बौद्ध कैलेंडर दक्षिण पूर्व एशिया में प्रचलित है, यह कैलेंडर हिंदू कैलेंडर पर आधारित है. 

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