Hair Cutting: शेविंग का इतिहास भी उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता है. यह पाषाण कालीन सभ्यता से चला आ रहा है. हर युग में पुरुषों के दाढ़ी को हटाने की जरूरत निजी पसन्द के अलावा, प्रचलित फैशन तो कभी सांस्कृतिक मान्यताओं आदि पर निर्भर रही है. आज के इस आधुनिक युग में हमारे पास इस काम के लिये आधुनिक रेजर और इलेक्ट्रिक शेवर जैसे उपकरण उपलब्ध हैं, लेकिन प्राचीन काल में जब ये उपकरण नहीं थे तब लोग शेविंग कैसे किया करते थे? आइये जानते हैं कि प्राचीन काल में पुरुष अपनी दाढ़ी हटाने के लिए किन तरीकों को अपनाते थे...


फ्लिंट स्टोन
पाषाण काल में लोग इस पत्थर को घिस-घिस कर धारदार बना लिया करते थे. अपनी दैनिक जरूरतों के हिसाब से इन धारदार पत्थरों को अलग-अलग आकारों में ढाल लिया जाता था. उस दौर में दाढ़ी काटने का उद्देश्य क्लीन शेव रहना नहीं हुआ करता था. तब बालों को बस इसलिए काटा जाता था कि उन पर पसीना जमा ना हो और संक्रमण पैदा न हो सके. आज भी बहुत सी आदिवासी प्रजातियां इन पत्थरों से बने धारधार औजारों का इस्तेमाल करती हैं.




सीपियां (Seashell)
अनचाहे बालों को हटाने के लिए यह उस समय यह काफी प्रचलित तरीका हुआ करता था. अनचाहे बालों को हटाने के लिए दो सीपियों को मिला कर उन्हें एक चिमटी (Tweezer) का रूप दे दिया जाता था. इसके अलावा, इस काम के लिए क्लैमशैल (ClamShell) भी विशेष रूप से काम में ली जाती थी.


धातु से बने औजार
जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ तो इंसान ने कांस्य युग (Bronze Age) में प्रवेश किया. कांस्य युग में इंसान ने धातु का इस्तेमाल करना शुरू किया. धातु से बने धारधार सामानपत्थरों के मुकाबले ज्यादा मजबूत और कारगर होते थे. अनचाहे बालों को हटाने के लिये धातुओं से अलग-अलग तरह के औजार बनाये जाते थे.. इन औजारों का उल्लेख मिस्त्र सभ्यता में मिलता है. शेव करने की ये वस्तुऐं मिस्त्र के कई मकबरों में पायी गयी हैं. पुराने समय में मिस्त्र निवासियों मौत होने पर यह वस्तुएं भी उनके शव के साथ दफन कर दी जाती थी.


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