क्रिकेट भारत में खेल ही नहीं है बल्कि एक धर्म के बराबर है. भारत में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी क्रिकेट के बड़े शौकीन होते हैं. बचपन में हर बच्चे का सपना होता है वह क्रिकेटर बने.  पिछले कुछ दशकों से क्रिकेट सिर्फ एक खेल ही नहीं रह गया है बल्कि एक बड़ा व्यवसाय बनकर सामने आया है. अब क्रिकेटर सिर्फ क्रिकेटर नहीं है बल्कि ब्रांड आइकन बन चुके हैं. जिनकी छवि बेचकर कंपनियां करोड़ों कमाती हैं. क्रिकेटर जब तक खेलते हैं खूब पैसे कमाते हैं. लेकिन जब क्रिकेटर रिटायर हो जाते हैं फिर भी वह बड़े ऐश ओ आराम से जीवन बताते हैं. क्या रहता है रिटायरमेंट के बाद उनकी कमाई का जरिया. आइए जानते हैं. 


ब्रांड एंडोर्समेंट से होती है करोड़ों की कमाई


क्रिकेट से क्रिकेटर रिटायरमेंट ले लेते हैं. लेकिन उनका नाम फैंस के बीच काफी पाॅप्युलर रहता है. इसीलिए रिटायरमेंट के बाद भी क्रिकेटरों को करोड़ों के एंडोर्समेंट मिलते रहते हैं. जिनके चलते उनकी खूब कमाई होती है. क्रिकेट को भारत में अगर धर्म कहा जाता है. तो सचिन तेंदुलकर को इसका भगवान कहा जाता है. भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. संन्यास के 11 साल बाद भी सचिन की कमाई आसमान को छू रही है. इसकी वजह है उनके ब्रांड एंडोर्समेंट. संन्यास लेने के बाद भी सचिन तेंदुलकर वर्तमान में करीब 21 कंपनियों के ब्रांड एंबेसडर हैं. 


कई क्रिकेटरों के हैं बिजनेस 


भारत में क्रिकेटर सिर्फ क्रिकेट खेल कर ही पैसा नहीं कमाते. बल्कि इसके लिए वह बिजनेस भी करते हैं. जिनमें कई बड़े दिग्गज क्रिकेटरों के नाम भी शामिल है. सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, सुरेश रैना इन जैसे तमाम क्रिकेटरों की कमाई इनके बिजनेस के जरिए भी होती है. जिनमें अगर बात की जाए तो सचिन तेंदुलकर ने कई कंपनियों में निवेश कर रखा है. इसके साथ ही विराट कोहली और सुरेश रैना के रेस्टोरेंट है. वहीं युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी की स्पोर्ट्स एसेसरीज कंपनियां है. पिछले साल ही एमएस धोनी ने फिल्म इंडस्ट्री में भी कदम रखा है. उन्होंने अपना एंटरटेनमेंट हाउस खोला है. 


बीसीसीआई भी देती है पेंशन


बीसीसीआई संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को पेंशन भी देती है. इसमें अलग-अलग नियम बनाए गए हैं. 25 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके खिलाड़ियों को ₹70000 प्रति माह पेंशन दी जाती है तो वहीं 25 से कम खेलने वाले क्रिकेटरों को ₹60000 दी जाती है. कई खिलाड़ियों के खर्चे बीसीसीआई की पेंशन द्वारा ही चल रहे है. 


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