बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. सभी पार्टियों के द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है. बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव अक्टूबर या नवंबर में हो सकते हैं. बीते दिन निर्वाचन आयोग ने राज्य के 200 से ज्यादा बूथ लेवल एजेंटों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है. यहां सत्ता में काबिज नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार वापस आ सकती है वहीं विपक्ष गठबंधन भी अपना दम दिखाने की कोशिश करेगा. इसी क्रम में चलिए जानते हैं कि बिहार में पहला चुनाव कब हुआ था और किस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. 

राजनीति का केंद्र है बिहार

क्षेत्रफल के लिहाज से बिहार देश का 13वां सबसे बड़ा राज्य है. बिहार और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जीत हासिल करने वाली पार्टी के लिए देश का प्रधानमंत्री चुनना आसान हो जाता है. बिहार राजनीति के केंद्र में भी पहले नंबर पर ही रहता है. देश की राजनीति में बड़े बदलाव बिहार की धरती से ही संभव हो पाए हैं. 1975 में आपातकाल के विरोध में जेपी आंदोलन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की पिछड़ा आयोग के अध्यक्ष के रूप में सिफारिशें ये दोनों बिहार की धरती से ही हुए थे. यही वह राज्य है जहां नील की खेती करने वाले किसानों के शोषण के खिलाफ महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण से आंदोलन की शुरुआत की थी. राजनीतिक रूप से बिहार को काफी जागरूक राज्य माना जाता है. 

कब हुआ था बिहार का पहला लोकसभा चुनाव

आजादी के बाद पहली बार 1951 में चुनाव हुए थे. इस दौरान कई पार्टियों ने हिस्सा तो लिया था, लेकिन उस दौरान कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी. इस दौरान कांग्रेस को 322 में से 239 सीटें मिली थीं. उस वक्त देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू बने थे. इसके बाद बिहार 1952 में जब विधानसभा चुनाव हुए तो भी जीत कांग्रेस पार्टी की ही हुई थी. उस वक्त श्री कृष्ण सिन्हा बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे. उस वक्त संयुक्त बिहार से 44 सांसद चुनकर लोकसभा में पहुंचे थे. तब के चुनाव में सीटों का बंटवारा इस तरह था कि किसी जिले से पांच सांसद और किसी जिले से तीन या चार सांसद चुने गए थे. 

किस पार्टी ने कितनी सीटें जीतीं

आज का झारखंड 1952 में बिहार का ही हिस्सा हुआ करता था. 1952 में कुल 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. उस दौरान कुल मतदाता 18080181 थे और कुल वोट 9995451 उस दौरान वोटिंग प्रतिशत 55.3% था और 13 दल चुनाव लड़ने के लिए उतरे थे. इस साल बिहार में सबसे ज्यादा कांग्रेस पार्टी की जीत हुई थी. उस वक्त कुल 330 सीटें हुआ करती थीं, जिसमें से कांग्रेस ने 239 पर जीत हासिल की थी. झारखंड पार्टी ने 32 सीटें जीती थीं. सोशलिस्ट के खाते में 23 सीटें, सीएनएसपीजेपी की 11 सीटें, एलएसएस 7 सीटें, स्वतंत्र की 14 सीटें और अन्य के खाते में 4 सीटें आई थीं. 

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