भारत में कोविड के बाद लगातार हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की तुलना में 2022 में दिल के दौरे से होने वाली मौतों की संख्या में 12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन सवाल ये है कि क्या सिर्फ भारत में ही हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं या दुनिया के बाकी देशों में भी हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं. 


हार्ट अटैक


एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2022 में दिल के दौरे से 32,457 लोगों की मौत हुई, जो पिछले साल दर्ज की गई मौतों से काफी अधिक है. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कोविड-19 के बाद से ही दिल के दौरे से होने वाली मौत की संख्या लगातार बढ़ी है. कई रिसर्च में यह भी कहा गया है कि कोरानावायरस की वजह से हार्ट के फंक्शन को काफी ज्यादा प्रभावित किया है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में अचानक होने वाली मौतों की दर भी बढ़ी है. 


दूसरे देशों में हार्ट अटैक से मौत


अमेरिका में कोविड से पहले भी हार्ट अटैक एक बड़ी समस्या थी. कोविड से पहले एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल 26 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत होती है. लेकिन यहां हर चौथे इंसान की मौत का कारण हृदय रोग  है. साल 2016 में जुटाए आंकड़ों के मुताबिक के मुताबिक यहां कुल मौतों में से 30.2 फीसदी तो सिर्फ हार्ट अटैक या अन्य हृदय संबंधित रोगों की वजह से होती है. जबकि 29.5 प्रतिशत लोग कैंसर की वजह वजह से अपनी जान गंवाते हैं.


वहीं अमेरिका में इंटरमाउंटेन हेल्थ के शोधकर्ताओं ने हार्ट संबंधी लक्षणों के करीब 150,000 मरीजों पर एक स्टडी की है. इसमें सामने आया है कि ऐसे मरीज जो कोविड पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें संक्रमण के बाद 6 महीने से एक साल तक सीने में दर्द की शिकायत थी.


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ब्रिटेन में तो नागरिकों ने एस्ट्राजेनेका कंपनी के ऊपर कोविड 19 वैक्सीन के लिए केस किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोविड के बाद ब्रिटेन में 80 लोगों की वैक्सीन लगवाने के कारण मौत हुई है, जिसमें कुछ लोगों की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है. इसके अलावा ब्रिटेन स्थित एक कंपनी के 42 वर्षीय सीईओ को भी हार्ट अटैक आया था. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में भी कोविड के बाद हार्ट अटैक से लोगों की मौते हुई हैं. दुनियाभर के वैज्ञानिक अभी भी इसके पीछे का कारण पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.