Mental Health Survey: एक व्यक्ति को स्वस्थ्य तब तक माना जाता है, जब वह मेंटली और फिजिकली दोनों रूप से ठीक हो. वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों में बताया गया है कि अगर व्यक्ति मन में सोच लेता है की वह बीमार है तो उसका शरीर उसके दिमाग के अनुसार काम करने लगता है और धीरे-धीरे सेहत खराब होने लगती है. इसे साइकोलॉजिकल प्रेशर कहते हैं, जिसका असर फिजिकल हेल्थ पर भी पड़ता है.

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आज की जनरेशन में मेंटल हेल्थ को काफी ज्यादा सीरियस लिया जा रहा है. हालांकि, जितना ज्यादा यह जनरेशन इस टॉपिक पर ध्यान देती है, उतनी वह खराब मेंटल हेल्थ से गुजर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, 9 साल बाद केंद्र सरकार ने दोबारा मेंटल हेल्थ सर्वे कराने जा रही है. 

कब हुआ था पहला सर्वे?

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पहला सर्वे 2015-16 के बीच कराया गया था, उस समय यह सर्वे केवल 12 राज्यों में ही किया गया था. 2015-26 में NHMS ने इस सर्वे को कराया और काफी गंभीरता से इस मुद्दे को लिया था. पिछले सर्वे में भारत के 10.6% प्रतिशत लोग मानसिक रूप से बीमार थे. शहरी इलाकों में करीब 13.5% और गांवों में करीब 6.9% लोग मेंटली बीमार  थे. 

इस बार कौन करेगा सर्वे?

NHMS(नेशनल मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज) बेंगलुरू इस सर्वे को करेगा. इसमें सभी उम्र के लोगों का कवर किया जाएगा. इसके अलावा यह सर्वे कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी करवाया जाएगा. 13 साल से लेकर सभी ग्रुप के लोगों को इसमें शामिल हैं, यानी बच्चे, बूढें अदिवासी और पिछले तबके के लोगों की मेंटल हेल्थ की जांच की जाएगी. केंद्र सरकार द्वारा कराए जा रहे इस सर्वे में यह अध्ययन किया जाएगा कि किस प्रकार एक जलवायु परिवर्तन से होने वाली आपदाओं, विस्थापन या उनके दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के कारण उनके दिमाग पर असर पड़ता है.

पूछे जा सकते हैं ये सवाल

  • सबसे पहले बेसिक जानकारी ली जाएगी. इसमें उम्र, लिंग, गांव और परिवार की आय से संबंधित चीजें पूछी जाएंगी.
  • दूसरे चरण में मानसिक बीमारियों जैसे डिप्रेशन, सुसाइडल विचार, बाइपोलर डिसऑर्डर आदि स्वास्थ्य से सबंधित लक्षणों को जानने के लिए प्रश्नों को पूछा जाएगा.
  • आपसे पूछा जाएगा कि क्या आपको अक्सर उदासी और निराशा महसूस होती है? क्या आपको नींद नहीं आती, बिना वजह डर लगता है, खुदखुशी करने का मन करता है, नशा ज्यादा करते हैं, जैसे सवालों को पूछा जाएगा. 
  • अगर आप पॉजिटिव निकलते हैं, तो आपसे इस बीमारी के कारण घर, परिवार, आर्थिक जिंदगी, अकेलापन, अन्य परिवार का आपके बीमार होने पर कैसा व्यवहार, दिमागी कमजोरी जैसे सवालों को पूछा जाएगा. 

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