दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान खत्म हो चुका है. अब एग्जिट पोल के रिजल्ट आने शुरू हो चुके हैं. एग्जिट पोल्स में बीजेपी को भारी बढ़त मिल रही है, जबकि AAP को बड़ा झटका लग सकता है. हालांकि अभी ये आंकड़ें बदल भी सकते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई देश ऐसे भी हैं, जहां पर एग्जिट पोल दिखाने पर बैन है. जी हां, आज हम आपको बताएंगे कि किन देशों में मीडिया संस्थान एग्जिट पोल नहीं दिखा सकती है.
एग्जिट पोल
अब सवाल ये है कि एग्जिट पोल क्या होता है? बता दें कि एग्जिट पोल एक सर्वे होता है, जो मतदान के दिन जारी किया जाता है. इस सर्वे के दौरान मतदान करके निकलने वाले वोटर्स से पूछा जाता है कि उन्होंने किसको मतदान किया है. इस तरह कंपनियां आंकड़ों का विश्लेषण करके ये जानने की कोशिश करती है कि किसकी सरकार बन रही है. इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं.
इन देशों में बैन है एग्जिट पोल
बता दें कि भारत समेत अलग-अलग देशों में एग्जिट पोल को लेकर कानून भी अलग है. जहां भारत में मतदान से पहले एग्जिट पोल नहीं दिखाया जा सकता है, वहीं अमेरिका जैसे कई देशों में कभी भी एग्जिट पोल दिखाया जाता सकता है. भारत में मतदान से 24 घंटे से लेकर महीनेभर पहले तक पोल्स का प्रसारण नहीं हो सकता है.
एग्जिट पोल को लेकर क्या है नियम
दुनियाभर के कई ऐसे देश भी हैं, जहां पर एग्जिट पोल बैन है. जैसे बल्गेरिया में इलेक्शन वाले दिन एग्जिट पोल दिखाना अपराध है. वहीं सिंगापुर में एग्जिट पोल पूरी तरह बैन है. सिंगापुर का पार्लियामेंट्री इलेक्शन्स एक्ट चुनाव के दौरान किसी भी तरह के अनुमान लगाने को प्रतिबंधित करता है. बता दें कि नियम तोड़ने पर एक साल की सजा और तगड़ा जुर्माना हो सकता है. वहीं यूरोपियन यूनियन के भी 16 ऐसे देश हैं, जहां ओपिनियन पोल्स बैन हैं. इसके अलावा फ्रांस में वोटिंग वाले दिन के चौबीस घंटे पहले इलेक्शन पर किसी भी किस्म की ओपिनियन या एग्जिट पोल नहीं दिखाई जा सकती है. इटली, लग्जमबर्ग और स्लोवाकिया में यह नियम सात दिनों से ज्यादा का है. वहीं ब्रिटेन में ओपिनियन पोल के नतीजे दिखाए जा सकते हैं. लेकिन एग्जिट पोल का टेलीकास्ट तब तक नहीं हो सकता है, जब तक चुनाव खत्म नहीं होता है.
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