दिनभर काम करके जब हम थके-हारे घर आते हैं तो बेड ही आराम करने का जरिया बनता है. रात को इसी पर लेटकर लोग चैन की नींद लेते हैं. ऐसे में इसपर पड़ी बेडशीट का साफ-सुथरा होना बहुत जरूरी है, ताकि लेटने पर ताजगी का एहसास हो. बेडशीट अगर साफ हो तो नहा-धोकर आने पर लेटते ही सो जाने का मन करता है. वहीं, अगर गंदी बेडशीट पर जाकर लेटते हैं तो न ही जल्दी से नींद आती है और न ही ताजगी महसूस होती है. साफ बेडशीट के स्वास्थ्य से जुड़े फायदों के अलावा भी कई और फायदे हैं. वहीं, गंदी बेडशीट को लेकर फायर फाइटर्स ने चेताया है कि यह न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए बुरी है, बल्कि इससे घर में आग भी लग सकती है.


गंदी बेडशीट हो सकती है जानलेवा


स्लीप फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर इंसान औसतन 49 से 60 घंटे चादरों पर ही बिताता है. अगर आप गंदी बेडशीट इस्तेमाल करते हैं तो इसका सीधा मतलब यह है कि आप गंदगी, धूल, मृत त्वचा की कोशिकाओं और पसीने पर लेट या बैठ रहे हैं. गंदी होने के बावजूद बेडशीट को न धोना आपके लिए जानलेवा हो सकता है. ये हम नहीं, बल्कि लंदन का फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट कह रहा है. 


बेडशीट में लग सकती है आग


लंदन के फायर ब्रिगेड के मुताबिक, बेडशीट पर एमोलिएंट्स या त्वचा क्रीम के अवशेष इकठ्ठा होते रहते हैं, जो ज्‍वलनशील होते हैं. गर्मी के दिनों में बेडशीट पर मौजूद ये तत्व आग लगने का कारण भी बन सकते हैं. खासतौर पर अगर आप लगातार किसी प्रकार की क्रीम इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको सावधान रहने की ज्यादा जरूरत है. लंदन में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.


कितनी बार धोएं बिस्तर


मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, आपको अपनी बेडशीट हफ्ते में एक बार जरूर धोनी चाह‍िए. रिपोर्ट के अनुसार, अपने तक‍िए और डुवेट के कवर को आपको 60 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में धोना चाहिए. चादरों को हफ्ते में कम से कम एक बार या फिर ज्यादा गंदा होने की स्थिति में दो बार भी धोना पड सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, किसी तरह की एलर्जी या बीमारी होने पर बिस्तर को अधिक बार धोना पड़ सकता है. 


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