दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. इसमें 40 नाम शामिल हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह जैसे दिग्गजों के नाम हैं. इसके अलावा पार्टी ने 6 फिल्मी सितारों को भी स्टार प्रचारक बनाया है, जिसमें निरहुआ, हेमा मालिनी, रवि किशन, हंसराज हंस का नाम भी शामिल है. 

अब सवाल यह है कि किसी विधानसभा चुनाव में पार्टियां कितने स्टार प्रचारों को उतार सकती हैं? और इन स्टार प्रचारकों का खर्च कौन उठाता है? चुनाव आयोग का इसको लेकर क्या नियम है? इस आर्टिकल में हम यह सब जानेंगे... 

कौन होता है स्टार प्रचारक?

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, किसी भी चुनाव में पार्टी या उम्मीदवार अपना प्रचार करने के लिए स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार सकते हैं. आमतौर पर पार्टियों द्वारा स्टार प्रचारकों की सूची, लोकप्रियता के आधार पर तय की जाती है. पार्टियां ही इन प्रचारकों का शेड्यूल तय करती हैं कि कब वे किस विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टी और उम्मीदवार के लिए प्रचार करेंगे. कई बार जनता और उम्मीदवार की मांग पर भी स्टार प्रचारकों को क्षेत्र में भेजा जाता है. स्टार प्रचारक कौन होगा, इसकी स्पष्ट परिभाषा नहीं है. यह दल के बड़े नेता या फिर बॉलीवुड हस्तियां हो सकती हैं. 

कौन उठाता है प्रचारकों का खर्च?

चुनाव आयोग ने इसके लिए नियम तय किए हैं. किसी भी स्टार प्रचारक पर आने वाले खर्च का 50 फीसदी हिस्सा उस उम्मीदवार के चुनाव खर्च में जुड़ता है, जिसके चुनाव क्षेत्र में वह प्रचार करने जाता है. वहीं, 50 फीसदी खर्च पार्टियां उठाती हैं. स्टार प्रचारकों के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहन, हेलीकॉप्टर, फूल-माला से लेकर खाने तक का आधार खर्च प्रत्याशी उठाता है. हालांकि, स्टार प्रचारक की किसी चुनावी रैली या रोड-शो में एक से ज्यादा उम्मीदवार शामिल होते हैं तो कुल खर्च समान रूप से सभी प्रत्याशियों के खर्च में जोड़ा जाता है. 

कितने उम्मीदवार उतार सकती हैं पार्टियां

चुनाव आयोग ने कोरोना के समय इन नियमों में बदलाव किया था. पहले मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियां अधिकमत 40 स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार सकती थीं. वहीं वे पार्टियां जो पंजीकृत तो हैं, लेकिन मान्यता नहीं है वे अधिकतम 20 स्टार प्रचारकों को उतार सकती थीं. कोरोना के समय में स्टार प्रचारकों की संख्या घटाकर 30 कर दी गई थी. हालांकि, बाद में फिर से इनकी संख्या 40 कर दी गई है. 

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