आज का इंसान अपने आप को आधुनिक बताता है, लेकिन कई बार खुदाई के दौरान ऐसी पुरानी चीजें मिलती हैं, जिनमें इस्तेमाल हुई तकनीक देख कर लगता है कि उस दौर के इंसान कितने आधुनिक और बुद्धिमान होंगे. दरअसल, हाल ही में एक खुदाई के दौरान एज्टेक डेथ व्हिसल मिली है, जिसे मौत की सीटी भी कहते हैं. इसमें जो तकनीक इस्तेमाल की गई हो वो आज के समय में सोच से भी परे है.


कहां मिली थी मौत की सीटी


साल 1999 में मैक्सिको के एज्टेक मंदिर के आसपास आर्कियोलॉजिस्ट ने खुदाई की इस दौरान उन्हें वहां एक कंकाल मिला, जिसके हाथ में एज्टेक डेथ व्हिसल थी. कहा जाता है कि इस सीटी का संबंध हवा के देवता एहेकाटल से है. उस दौरान जब भी कभी नरबलि दी जाती थी तब इस सीटी को बजाया जाता था. इसकी आवाज इतनी खतरनाक होती है कि अगर आप इसे फुल वैल्यूम में एकांत में बैठकर सुन लेंगे तो हैरान हो जाएंगे. वहीं अगर आपने ईयरफोन का इस्तेमाल कर के इसे सुना तो ये और भी भयानक लगेगी.


वैज्ञानिकों ने बना ली हूबहू सीटी


डेली मेल ने इस पर एक रिपोर्ट छापी है जिसके मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस सीटी की 3डी प्रिटिंग के जरिए इसका नया वर्जन तैयार कर लिया है. इसे जब बजाया गया तो बिल्कुल वैसा ही शोर आया जैसे पुरानी वाली मौत की सीटी से आता था. यही वजह है कि इसे दुनिया की सबसे डरावनी ध्वनि वाली सीटी बताया गया.



युद्ध में भी होता था इसका प्रयोग


एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस सीटी का प्रयोग योद्धा युद्ध में भी करते थे. दरअसल, युद्ध के समय जब दुश्मनों की सेना सामने होती थी तो उनके दिल में भय पैदा करने के लिए इस सीटी के ध्वनि का प्रयोग किया जाता था. वहीं ब्रिटानिका की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ये सीटी जिन्होंने बनाई, वो एज्टेक नहुआट्ल भाषी लोग थे. इन्होंने 15वीं और 16वीं शताब्दी की शुरुआत में मध्य और दक्षिणी मेक्सिको में एक बड़े साम्राज्य पर राज किया था.


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